बलिया। बिहार-उत्तर प्रदेश सीमा के भरौली चेकपोस्ट पर पुलिस द्वारा ट्रकों से किये जाने वाले अवैध वसूली का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसपी और एएसपी को भी उनके पद से हटा दिया था। साथ ही उस इलाके के सीओ को भी सस्पेंड कर दियाथा। अब संदेह के घेरे में आने वाले पुलिसकर्मियों हो रही है। अब स्पेशल वेपंस एंड टैक्टिस (स्वाट) शाखा भंग कर दिया गया है। इस टीम के प्रभारी सहित सात पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिए गए हैं।
इस मामले में कोरंटाडीह चौकी प्रभारी, नरही के पूर्व थानाध्यक्ष पन्नेलाल सहित सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। वही पांच पुलिस कर्मी जेल भेज दिए गए हैं। जबकि चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर अब भी फरार है। पुरानी टीम को निरस्त किये जाने के बाद अब नई टीम का निर्माण किया जायेगा।
गौरतलब है कि काफी लंबे समय से बिहार-यूपी बॉर्डर पर ट्रकों से अवैध वसूली का धंधा चल रहा था। लोगों ने कई बार इसकी शिकायत की लेकिन सुनता कौन जब पुलिस ही इस काले कारनामे में सम्मिलित थी। जब यह शिकायत एडीजी और डीआईजी को मिली तब उन्होंने संयुक्त रूप से छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान ट्रकों से अवैध रूप से वसूली करते दो पुलिसकर्मियों को रंगे हाथों पकड़े गए। साथ ही 16 दलाल भी गिरफ्तार किये गए।
सरकार ने इस मामले पर संज्ञान लेने के लिए पूरी कोरंटाडीह चौकी को सस्पेंड कर दिया। जानकारी के मुताबिक, यूपी-बिहार बॉर्डर पर शराब, पशु तस्करी, लाल बालू की अवैध तस्करी होती है। और पुलिसकर्मी ट्रकों से अवैध वसूली करते हैं। अवैध वसूली के मामले में सीएम योगी ने बलिया के एसपी और एएसपी को पद से हटा दिया है जबकि सीओ को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा सीओ, एसएचओ और चौकी इंचार्ज की संपत्ति की विजिलेंस जांच के भी आदेश दिए गए हैं।