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3 अक्टूबर से शुरू होंगे नवरात्र, जानें कलश स्थापना का शुभ महूर्त और विधि

By Harshit Shukla

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नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के मुताबिक, वर्ष 2024 में शारदीय नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर से हो रहा है।  10 दिनों तक चलने वाला यह पर्व देश भर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है, साथ ही कलश स्थापना और अखंड ज्योति जलाने की भी परंपरा है। चलिए अब कलशा स्थापना के महूर्त से लेकर इसे रखने तक की विधि की जानकारी हम आपको देते हैं।

पुराणों के अनुसार कलश में ब्राह्मा, विष्णु और महेश और मातृगण का निवास माना जाता है। इसकी स्थापना अगर सही समय से किया जाए तो जातक को शुभ परिणाम मिलते हैं। विद्वानों के मुताबिक, इस बार कलश स्थापना का समय सुबह 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त में भी की जा सकती है। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।

अब जानते हैं कि हम कलश पर नारियल रखते समय किन बातों का ध्यान रख सकते हैं

कलश पर नारियल रखने का महत्व: शास्त्रों के अनुसार, कलश को शुभता, सुख-समृद्धि और मंगल कार्यों का प्रतीक माना जाता है। लेकिन, कलश को नारियल के बिना अधूरा समझा जाता है। नारियल को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है और इसके साथ त्रिदेवों – ब्रह्मा, विष्णु और महेश – का वास भी बताया गया है। जब कलश के ऊपर नारियल रखा जाता है, तो यह सुनिश्चित करता है कि आपके सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण हों।

नारियल रखने के नियम: शास्त्रों में नारियल को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। यदि इसे सही ढंग से कलश के ऊपर रखा जाए, तो देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और मां लक्ष्मी की अनुकंपा घर पर बनी रहती है। नारियल रखने के संबंध में निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए:

नारियल का मुख: शास्त्रों में बताया गया है कि कलश पर नारियल का मुख नीचे की ओर होने से शत्रुओं की वृद्धि होती है। नारियल का मुख ऊपर की ओर हो, तो यह रोग और बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए, नारियल को सही तरीके से रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

दिशा का ध्यान रखें: यदि नारियल का मुख पूर्व दिशा की ओर हो, तो आर्थिक हानि हो सकती है। इसलिए, नारियल रखते समय उसकी दिशा और स्थिति का विशेष ध्यान रखें।

नारियल लपेटने का तरीका: नारियल को लाल रंग के कपड़े में लपेटें और मौली (कलावा) से उसे बांधें। नारियल को इस प्रकार रखें कि उसकी ‘आंखें’ आपकी ओर ऊपर की दिशा में हों, यानी जिस स्थान से वह पेड़ से जुड़ा होता है, उसी स्थिति में उसे कलश पर रखें।

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