वॉशिंगटन । हमास-इस्राइल जंग के बीच एक और युद्ध छिड़ता दिख रहा है। बताया जा रहा कि ईरान इस्राइल पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। इसको देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि ईरान जल्द से जल्द इस्राइल पर हमला करेगा। बता दें, हाल ही में सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था। इसमें दो ईरानी जनरलों की मौत हो गई थी। ईरान ने हमले का आरोप इस्राइल पर लगाया है। साथ ही उसने जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
ईरान को दी सलाह
बाइडन से जब पूछा गया कि इस्राइल पर ईरान का हमला कितना खतरनाक होगा, तो उन्होंने कहा, ‘मैं सुरक्षित जानकारी में नहीं जाना चाहता, लेकिन उम्मीद है कि जल्द से जल्द हमला होगा।’ अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा गया कि इस्राइल पर हमला करने की संभावनाओं पर ईरान को क्या संदेश देना चाहेंगे, इस पर उन्होंने कहा, ‘ऐसा न करें’। उन्होंने कहा, ‘हम इस्राइल की रक्षा के लिए समर्पित हैं। हम इस्राइल का समर्थन करेंगे। हम इस्राइल की रक्षा करने में मदद करेंगे और ईरान सफल नहीं होगा।’ पिछले हफ्ते सीरिया में एक ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इस्राइल के हमले के बाद व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि ईरान द्वारा हमले शुरू करने का ‘वास्तविक, विश्वसनीय और व्यवहार्य’ खतरा बना हुआ है।
यह है मामला
एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ था। इससे दूतावास का एक खंड पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। वहीं, ईरान के दो शीर्ष सैन्य जनरल और पांच अन्य अधिकारी भी मारे गए थे। इस हमले का ईरान इस्राइल पर आरोप लगा रहा है। साथ ही उसने जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने बुधवार को चेतावनी दी थी कि इस्राइल को सजा दी जानी चाहिए। उस पर इस्राइली विदेश मंत्री ने कहा था कि अगर ईरान हमला करता है तो हम कड़ा जवाब देंगे।
पश्चिम एशिया में लड़ाई बढ़ने की बढ़ी आशंका
इस्राइल द्वारा काफी दिनों से सीरिया में ईरान से जुड़े ठिकानों पर हमला किया जा रहा था, लेकिन ताजा हमला अपने आप में पहला है, जिसमें ईरानी दूतावास को निशाना बनाया गया। ईरानी दूतावास पर हमले में हिजबुल्ला के लड़ाके भी मारे गए हैं। अब हिज्बुल्ला के नेता हसन नसरल्ला ने बीते शुक्रवार को कहा था कि ‘बेशक ईरान जवाब देगा’। लेकिन उन्होंने कहा था कि ‘हिज्बुल्ला इसमें कोई दखल नहीं देगा।’ इस्राइल हमास युद्ध के बीच ईरान द्वारा इस्राइल पर हमले की तैयारी से संघर्ष के पश्चिम एशिया के बड़े इलाके में फैलने का डर भी पैदा हो गया है।