रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने दोनों को व्यक्तिगत राहत के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का रुख करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची की पीठ ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट से आग्रह किया कि मामले की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर की जाए।
बघेल पिता-पुत्र ने सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से की जा रही जांच, गिरफ्तारी और पूछताछ की वैधता को चुनौती दी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में वे पहले हाईकोर्ट में व्यक्तिगत राहत की मांग कर सकते हैं।
इस बीच, ईडी को जांच और गिरफ्तारी की शक्तियां देने वाली धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धाराओं की संवैधानिक वैधता को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से नई याचिका दाखिल करने को कहा है। इस मुद्दे पर अब अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी।