भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते 40 दिनों से जारी भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं में 252 लोगों की जान जा चुकी है। साथ ही 432 पशुओं की भी मौत हुई है और 3600 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हालात की गंभीरता को देखते हुए सभी जिलों के कलेक्टरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता मुहैया कराई जाए और नुकसान का शीघ्र सर्वे कर मुआवजा दिया जाए।
फिलहाल प्रदेश में 53 राहत शिविरों में 3065 लोगों को अस्थायी रूप से बसाया गया है। इन्हें भोजन, पानी, दवाइयों और कपड़ों जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जा रही हैं। भारी बारिश को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमें भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और धार में तैनात की गई हैं, जबकि एसडीआरएफ को संवेदनशील क्षेत्रों में लगाया गया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 47 लोग सीधे बारिश से, 132 लोग डूबने से, 60 लोग आकाशीय बिजली और 13 लोग दीवार, मकान या पेड़ गिरने से मारे गए हैं। 432 राहत अभियान चलाए गए हैं, जिनमें 3628 लोगों और 94 मवेशियों की जान बचाई गई है।
बारिश ने मकानों को भी नुकसान पहुंचाया है, जहां 128 घर पूरी तरह और 2333 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। अब तक 28.49 करोड़ रुपए की राहत राशि वितरित की जा चुकी है और सरकार ने 3600 करोड़ रुपए की आपात सहायता का प्रावधान किया है। प्रदेश में अब तक 711.3 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जो सामान्य से 59% अधिक है।