---Advertisement---

हवाओं के दबाब पर बनता है मानसून, 4 माह की भारत में बारिश, मानसून पर निर्भर है कृर्षि, बिजली उत्पादन एवं नदी जल स्रोत

By Viresh Singh

Published on:

Click Now

मानसून। देश भर में मानसून अब तकरीबन एक्टिव हो गया है। जिन क्षेत्रों में अभी मानसून नहीं पहुंचा वहां आगामी 48 घंटे के अंतराल में सक्रिय हो जाएगा। इसके बाद पूरे देश में मानसूनी बारिश का दौरा शुरू हो जाएगा। मानसून पूरी तरह से हवाओं पर निर्भर होता और हवाओं का रुख मानसून बनाने एवं बादलों के रूप में फैलने का काम न सिर्फ करते हैं बल्कि इससे बारिश होती है।
दरअसल मानसून पूरी तरह से हवाओं के पर निर्भर करता है। आम हवाएं जो अपनी दिशा बदल लेती है तब मानसून आता है। जब हवाएं ठंड से गर्म क्षेत्र की तरफ बहती हैं तो उनमें नमी की मात्रा बढ़ जाती है। जिसके कारण वर्षा होती है।

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से भारत में होती है बारिश

जानकारी के तहत बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में पहुंचने के बाद समुद्र से उठी मानसूनी हवाएं दो शाखों में बढ़ जाती है। एक शाखा अरब सागर की तरफ से मुंबई गुजरात, राजस्थान होते हुए आगे बढ़ती है जबकि दूसरी शाखा बंगाल की खाड़ी से पश्चिम बंगाल, बिहार, पूर्वोत्तर होते हुए हिमालय से टकराकर वापस बंगाल की खाड़ी क्षेत्र की ओर जाती है। इस तरह से जुलाई के पहले सप्ताह तक पूरे देश में अच्छी बारिश शुरू हो जाती है। मानसून बंगाल की खाड़ी से अंडमान निकोबार दीप समूह में दस्तक देता है और 1 जून को केरल में पहुंच जाता है। मानसूनी हवाएं बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ती है और हिमालय से टकराकर वापस लौटते हुए उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बारिश करती है।

देश में 4 महीने मानसूनी बारिश

भारत देश की 65 फ़ीसदी कृषि मानसून पर निर्भर है। बिजली उत्पादन, नदियों का पानी एवं अन्य जरूरी कार्य मानसूनी बारिश पर ही निर्भर है, यही वजह है कि मानसून का हर वर्ष लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है और 4 महीने की बारिश एक वर्ष तक के पानी की व्यवस्था बनती है।

Follow On WhatsApp
Follow On Telegram
---Advertisement---

Leave a Comment