भोपाल। जिले में फसल कटाई के बाद खेतों में पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत अब पराली जलाने पर सीधे एफआईआर दर्ज की जाएगी। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देशन में अपर कलेक्टर भूपेंद्र गोयल ने गुरुवार को यह आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार, पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रशासन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों का पालन करते हुए जिले की सभी राजस्व सीमाओं में इस प्रतिबंध को लागू किया है। आदेश के उल्लंघन पर संबंधित किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और अन्य कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। यह आदेश 21 नवंबर से प्रभावी हो गया है और आगामी दो महीनों तक लागू रहेगा। सभी एसडीएम, तहसीलदार, और थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें और इसे नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें।
पराली जलाने के गंभीर नुकसान होते हैं। खेतों में पड़ा कचरा, भूसा और डंठल सड़ने के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं। इन्हें जलाने से यह प्राकृतिक ऊर्जा नष्ट हो जाती है। इसके अलावा, पराली जलाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है, जो पर्यावरण के लिए अत्यंत हानिकारक है। अनियंत्रित आग से जनसंपत्ति, वनस्पति, और जीव-जंतुओं को व्यापक नुकसान पहुंचता है। खेत की मिट्टी में पाए जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति घटती है और फसल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
इस आदेश का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखना और प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करना है। प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे पराली जलाने की बजाय इसे प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों को अपनाएं।