भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में बड़ा हंगामा देखने को मिला जब कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना में घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गुना जिले के मधुसूदनगढ़ में संचालित भोपाल सिटी अस्पताल पूरी तरह फर्जी है, जिसे 19 जुलाई 2024 से दिखाया गया और केवल 10 महीनों में करीब 50 लाख रुपये की सहायता राशि जारी की गई।
जयवर्धन सिंह के अनुसार, अस्पताल के संचालक राजेश शर्मा ने कई व्यक्तियों की पहचान का गलत इस्तेमाल कर फर्जी बिल पेश किए। जिन लोगों के नाम पर इलाज दिखाया गया, उन्होंने खुद वीडियो बयान में कहा कि न वे भर्ती हुए और न ही उन्हें कोई इलाज मिला। उन्होंने यह भी बताया कि जैसे ही उन्होंने यह मामला उठाया, अगले दिन यानी 4 अप्रैल 2025 को संचालक ने अस्पताल बंद करने का पत्र जारी कर दिया। इसके बावजूद अस्पताल को सहायता मिलती रही – जैसे कि 80 हजार, 1.20 लाख और 75 हजार की राशि।
उन्होंने मांग की कि इस फर्जीवाड़े में शामिल गुना के सीएमएचओ, स्वास्थ्य अधिकारियों और अस्पताल संचालक पर कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने इसे व्यापमं घोटाले के बाद एक और गंभीर भ्रष्टाचार बताया।
जवाब में स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि सरकार की मंशा साफ है और गरीबों को बेहतर इलाज देने के लिए प्रयास जारी हैं। लेकिन जो लोग गड़बड़ी करेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पूरा मामला जांच के अधीन है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।