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दमोह रेलवे स्टेशन पर ढाई माह के बच्चे की हत्या: आरोपी बोला- मुझे सिद्धि प्राप्त है: पुलिस से कहा-दमोह रेलवे स्टेशन पर बच्चे को तीन थप्पड़ लगते तो जीवित हो जाता

By Shashikant Mishra

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दमोह । दमोह रेलवे स्टेशन पर ढाई महीने के मासूम की मौत के मामले में आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है। पूछताछ में आरोपी कमलेश विश्वकर्मा ने पुलिस को बताया कि उसे सिद्धि प्राप्त हुई है, जिससे वह किसी को भी जीवित कर सकता है। उसने कहा- रेलवे स्टेशन पर महिला के बच्चे की मौत हो गई थी। यदि मेरे तीन थप्पड़ बच्चे को लग जाते, तो वह जीवित हो जाता। दरअसल, शनिवार सुबह 5 बजे दमोह रेलवे स्टेशन पर ढाई महीने के बच्चे की मौत हो गई थी। मां-पिता का आरोप है कि एक शख्स ने बच्चे को पीटा, जिसके बाद दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि स्टेशन पर मासूम की मां उसे पानी पिला रही थी। पिता फोन पर बात कर रहा था। इसी दौरान काला कुर्ता और केसरिया धोती पहने एक व्यक्ति वहां पहुंच गया। मां-पिता कुछ समझ पाते, इससे पहले उसने मासूम को पीटना शुरू कर दिया। मां हड़बड़ाहट में उठी और बच्चे को बचाने लगी, तो उसके साथ भी मारपीट की। पति बचाने पहुंचा, तो उसे पीटकर आरोपी ने दौड़ लगा दी। घटना स्टेशन पर लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई। दमोह रेलवे स्टेशन पर ढाई महीने के मासूम की मौत के बाद माता-पिता शव लेकर तीन घंटे तक घूमते रहे। इस दौरान पुलिस से भी गुहार लगाई, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।

शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में इंजुरी सामने नहीं आई

जबलपुर रेल एसपी ऑफिस से लेटर जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि थाना जीआरपी द्वारा नवजात की मौत में हत्या को स्पष्ट नहीं किया गया है। जीआरपी थाना ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की है। शनिवार को शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में बच्चे के शरीर पर इंजुरी नहीं होने की बात सामने आई है। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि बच्चा अति कुपोषित था। हालांकि अधिकारी फाइनल पीएम रिपोर्ट के इंतजार की बात कह रहे हैं।

छतरपुर पुलिस ने आरोपी को ढाबे से पकड़ा

आरोपी कमलेश विश्वकर्मा को दमोह से सागर रोड होते हुए स्कूटी से छतरपुर भाग गया था। छतरपुर के गुलगंज थाना प्रभारी गुरुदत्त शेषा को मुखबिर से सूचना मिली कि एक स्कूटी ढाबे के बाहर टिकी है, जो छतरपुर या गुलगंज की नहीं है। तांत्रिक जैसे भेष में एक शख्स ढाबे पर खाना खा रहा है। उसकी हरकतें थोड़ी अजीब हैं। शनिवार रात करीब 9:30 बजे गुलगंज पुलिस तत्काल ढाबे पर पहुंची और उसे घेर लिया। सीसीटीवी में कैद हुए आरोपी के हुलिए से मैच किया गया तो वही आरोपी निकला। पुलिस ने उससे करीब 2 घंटे पूछताछ की। इसके बाद दमोह पुलिस ने उसे कस्टडी में ले लिया।

आरोपी बोला- स्कूटी लेकर बागेश्वर धाम जा रहा था

आरोपी कमलेश विश्वकर्मा ​​​​​​​दमोह जिले के जटाशंकर कॉलोनी में रहता है। उसने पुलिस को बताया, मैं न्यू दमोह पीएम आवास कॉलोनी के पास शनिवार तड़के 3 बजे देवी मां के मंदिर में सिद्धि प्राप्त हुई कि मैं किसी को भी जीवित कर सकता है। यहां रेलवे स्टेशन जाने का आदेश मिला। वहां एक महिला अपने बच्चे को गोद में लिए रो रही थी। मैंने पूछा तो बोली- बेटा मर गया। मैंने कहा कि मुझे एक बार कोशिश करने दो, हो सकता है जिंदा हो जाए। मैंने बच्चे को  मृत अवस्था में थप्पड़ मारे, लेकिन वह जीवित नहीं हुआ। उसका पिता आया। वह मुझसे झगड़ने लगा। इसलिए मैंने उसे दो-तीन थप्पड़ मारे और वहां से मैं स्कूटी लेकर छतरपुर के बागेश्वर धाम के लिए निकल गया। वहां से उसे अयोध्या जाना था। आरोपी ने बताया कि वह घर पर दिनाई और पथरी निकालता हूं। धर्म ध्वजा लहराना चाहता है। कई सालों से देवी मां की आराधना कर रहा है।

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