सागर। भाई-बहन का रिश्ता हर रिश्तों में से एक है, लेकिन एमपी के सागर जिले में इकलौते भाई के लिए बहन ने मुक्तिधाम तक साथ देकर माता-पिता-भाई-बहन सभी का फर्ज निभाया है। यह देखकर सभी की ऑखे नम हो गई। जानकारी के तहत सागर के रामपुर्वा वार्ड में रहने वाले संतोष रजक की ब्रेन हेमरेज के कारण मौत हो गई। वो दो बहनों का इकलौता भाई था। ऐसे में बहनों ने मृत के उपरांत अंतिम संस्कार की पूरी विधि खुद करने का निणर्य लिया। जिसके तहत दोनों बहने भाई के अंतिम यात्रा में मुक्ति धाम तक साथ चली तो वही मुक्ति धाम में छोटी बहन ने भाई को मुखग्नि देकर बहन होने का बड़ा फर्ज निभाया।
माता-पिता की पहले ही हो गई थी मौत
जानकारी के तहत संतोष रजक के माता-पिता की पहले ही मौत हो गई थी। वह ड्राई क्लीनर्स की दुकान चलाता था। वह घर की जिम्मेदारी संभाल रहा था। डेढ़ वर्ष पूर्व उसका विवाह भी हुआ था, लेकिन बीमारी से वह अंतिम सांस ले लिया। तो वही उसकी बहन ने उसका अंतिम संस्कार करने के साथ ही मृत के बाद की रस्म पूरी करके एक अच्छी बहन होने का फर्ज पूरा कर रही है।