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भगवान शिव को अतिप्रिय है शिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसके नियम

By Harshit Shukla

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लखनऊ। सावन महीने के चतुर्दशी तिथि को सावन की शिवरात्रि मनाई जाती है। सावन में पड़ने वाली शिवरात्रि खास होती है। आज एक दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से भक्त अपनी हर मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं। इस सावन 2 अगस्त शुक्रवार को शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन व्रत कर भगवान शिव की पूजा करने का नियम है। तो चलिए जानते हैं शिवरात्रि की पूजा विधि, महूर्त से लेकर नियम तक।

सावन शिवरात्रि 2024 तिथि 

वैदिक पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 02 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर शुरू हो कर अगले दिन यानी 03 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। शिवरात्रि की पूजा शाम को की जाती है । इसलिए इस सावन का शिवरात्रि पर्व 2 अगस्त 2024 को मनाया जायेगा।

सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त 

रात्रि प्रथम प्रहर की पूजा का समय- रात 07:11 से रात 09:49 तक रहेगा।
रात्रि द्वितीय प्रहर की पूजा का समय- रात 09:49 से देर रात 12:27बजे तक रहेगा।
रात्रि तृतीय प्रहर की पूजा का समय- देर रात 12:27 से 03:06 बजे तक रहेगा।
रात्रि चतुर्थ प्रहर की पूजा का समय- 3 अगस्त की सुबह 03:06 से सुबह 05:44 बजे तक रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 10:59 AM से 3 अगस्त को सुबह 05:44 तक
निशिता मुहूर्त- 3 अगस्त को सुबह 12:06 से 12:49 तक
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 15 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 13 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग – 2 अगस्त को सुबह 10 बजकर 59 मिनट से 3 अगस्त को सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक

सावन शिवरात्रि पूजा सामग्री

सावन शिवरात्रि की पूजा में सामग्री के तौर जनेऊ, बेलपत्र, भांग, शमी पत्र,  मदार के फूल, फूल माला, गंगाजल, गाय का दूध, गाय का घी, सफेद चंदन, घी का दीया, फल,मिठाई, को शामिल करें।

शिवरात्रि पूजा विधि 

इस दिन प्रातः काल उठ कर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर आप अपने घर के मंदिर में बैठ जाएं। हाथ में फूल, अक्षत और एक रुपए का सिक्का का लेकर व्रत का संकल्प करें। इस दिन अगर आप मंदिर जा सकते हैं तो मंदिर जाएं अन्यथा घर में पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करें। पूजा के दौरान पहले पंचामृत से अभिषेक करें, उसके बाद सादे जल से अभिषेक करें। इसके बाद शिवलिंग पर फूल, बेल पत्र, भांग, धतूरा, धूप, दीप, नैवेद्य और इत्र चढ़ाएं। इसके बाद, शिवलिंग पर जनेऊ अर्पित करें और त्रिपुंड तिलक लगाएं। उसके बाद देशी घी जलाकर आरती करें। थोड़े देर वहीं बैठ कर मन्त्रों का जाप करें। सुबह की पूजा के बाद शाम को भी इसी विधान से पूजा करें।

शिवरात्रि के नियम 

अगर आप इस दिन उपवास रखते हैं तो अतिउत्तम और अगर नहीं रख सकते हैं तो एक समय ही भोजन करें। इस दिन लहसुन प्याज का उपयोग बिलकुल न करें। व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य माना गया है। आज के दिन सदाचार में रहे किसी से बिना वजह न उलझे

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