भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने बुधवार को करोड़ के बजट का पिटारा खोलते हुए प्रदेश को चलाने के लिए 3.65 लाख करोड़ का बजट विधानसभा की पटल पर प्रस्तुत किया है। प्रदेश के वित्त मंत्री डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने सदन में बजट प्रस्तुत किया तो वही बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने नर्सिग घोटाले को लेकर जहां जमकर हंगामा किया वहीं विधानसभा से वॉकआउट किया, जबकि सत्ता पक्ष ने वॉकआउट के बीच 3.65 लाख करोड़ का बजट सदन में पास किया है।
इस तरह खर्च करेगी मोहन सरकार
जारी किए गए विधानसभा के बजट में मोहन यादव सरकार शिक्षा के क्षेत्र में 22600 करोड रुपए, स्वास्थ्य में 21141 करोड रुपए, खेल में 586 करोड रुपए तथा तीर्थ दर्शन में 50 करोड रुपए तो वहीं वन और पर्यावरण में 4725 करोड रुपए, दुग्ध उत्पादन योजना में 150 करोड रुपए, गौशाला के लिए 250 करोड रुपए, संस्कृत विभाग के लिए 1081 करोड रुपए, उद्योग विभाग के लिए 4000 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च करने का प्रावधान बजट में रखा है।
एमपी के इन शहरों में चलाई जाएगी ई-बस
मोहन यादव सरकार ई-पीएम बस योजना के तहत 6 शहरों में इलेक्ट्रिक बस चलाएगी। जिसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर शामिल है। स्वच्छ भारत मिशन के लिए 500 करोड़ का बजट तैयार की है तो वही सिंचाई योजना के लिए 300 करोड़ रूपए। इसी तरह मोहन यादव सरकार गोवंश के लिए बजट में तीन गुना वृद्धि की है और 250 करोड़ का प्रावधान किया है। ऊर्जा ऊर्जा में 19000 करोड रुपए सरकार खर्च करेगी, तो सिंचाई के लिए 13596 करोड़ का बजट रखा गया है
प्रदेश सरकार आगामी 5 वर्षों में एक्सप्रेस में नेटवर्क के माध्यम से 299 किलोमीटर का अटल प्रगति पथ, 900 किलोमीटर का नर्मदा प्रगति पथ, 676 किलोमीटर के विंध्य एक्सप्रेस-वे, 450 किलोमीटर का मालवा निर्माण विकास पथ, 330 किलोमीटर का बुंदेलखंड विकास पथ एवं 746 किलोमीटर का मध्य भारत विकास पथ के कार्य प्रस्तावित है।
-बजट में पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
– केंद्रीय सहायता के तौर पर प्रदेश को 15000 करोड़ रुपए अधिक मिलेंगे।
– बजट में पेयजल व्यवस्था के लिए 10279 करोड़ रुपये का प्रावधान हुआ।
– पीएम आवास योजना के लिए 4 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया।
– मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 4 हजार 900 करोड़ रुपए का प्रावधान
– पीएम ई-बस योजना के तहत छह शहरों में 552 ई बसें चलाई जाएंगी। ये ई-बसें इंदौर, भोपाल, जबलपुर,ग्वालियर, उज्जैन व सागर में चलेंगी।
– इस साल मंदसौर, नीमच व सिवनी में सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे।
– 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए 500 करोड़ का प्रावधान। इससे उज्जैन और आसपास के 10 जिलों में विकास कार्य किए जाएंगे।
– राम पथ गमन के स्थानों को चिह्नित कर उनका विकास करेंगे। श्रीकृष्ण पाथेय योजना पर भी काम होगा।
– महिला स्व-सहायता समूहों को बड़े बाजारों से जोड़ने के लिए 800 करोड़ रुपए का प्रावधान। पार्वती, काली सिंध और चंबल लिंक परियोजना।