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छत्तीसगढ़ सरकार की नई आत्मसमर्पण नीति: माओवादियों को मुख्यधारा में लौटने का मौका

By Harshit Shukla

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नई नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को पाँच लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि, शिक्षा, कौशल विकास, स्वरोजगार के अवसर, और सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। हर आत्मसमर्पणकर्ता को, चाहे उसके पास हथियार हो या नहीं, ₹50,000 नकद दिए जाएंगे। साथ ही, हथियारों के प्रकार के अनुसार अलग-अलग मुआवजा राशि तय की गई है—जैसे एलएमजी पर ₹5 लाख, एके-47 पर ₹4 लाख, मोर्टार पर ₹2.5 लाख आदि।

छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने माओवादी हिंसा पर लगाम लगाने और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने के उद्देश्य से नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति 2025 लागू की है। इस नीति का लक्ष्य है कि हिंसा का रास्ता छोड़ने वाले माओवादी समाज की मुख्यधारा में लौटें और सम्मानजनक जीवन जी सकें।

जो माओवादी छिपाए गए हथियारों या विस्फोटकों की जानकारी देकर बरामदगी में मदद करेंगे, उन्हें ₹15,000 से ₹1 लाख तक का इनाम भी मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “हथियार छोड़ने वालों को डर नहीं, सम्मान मिलेगा।” यह नीति उन युवाओं के लिए एक नई शुरुआत है, जो भय या दबाव में माओवादी संगठन से जुड़े थे।

विवाहित माओवादी जोड़ों को एक इकाई मानते हुए ₹1 लाख की विवाह सहायता दी जाएगी। साथ ही, भारत सरकार की पुनर्वास योजनाओं का भी लाभ दिया जाएगा।

यह नीति केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य आत्मसमर्पण करने वालों को समाज में दोबारा स्थापित कर सम्मानजनक जीवन देना है।

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