नई दिल्ली। देश की शान दिल्ली के लाल किले पर हमला करने वाले आतंकी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक को दी गई फांसी के सजा की क्षमा याचिका को महामहिम राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने खारिश कर दिया है। जानकारी के तहत अक्टूबर 2005 में ट्रायलकोट में अशफाक को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद से लगातार बड़ी अदालतों में अर्जी लगाई जाती रही। आंतकी के लिए अदालतों के सारे रास्ते बंद हो जाने पर राष्ट्रपति के पास क्षमा याचिका लगाई थी।
24 साल पुराना है मामला
जानकारी के तहत 22 दिसंबर 2000 को दिल्ली के लाल किले में आतंकवादियों ने हमला कर दिया था और किला में तैनात राजपूताना राइफल्स के जवानों पर फायरिंग कर दी थी। हमले में तीन जवान शहीद हो गए थे तो वही इस आतंकी हमले पर दिल्ली पुलिस ने आरिफ उर्फ अशफाक को गिरफ्तार किया था। अशफाक लश्कर का आतंकी है। लाल किले पर हमला मामले में आतंकी अब्बू शाद, अब्बू बिलाल और अबू हैदर एनकाउंटर में मारे गए थें, जबकि अरिफ जेल की सलाखों में रहा। 24 साल से जेल में रह रहे आरिफ को सुनाई गई फांसी की सजा में राष्ट्रपति के यहां से भी छमा नहीं मिली है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने यह दूसरी छमा याचिका किया खारिज
राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने यह दूसरी क्षमा याचना खारिज की है। इसके पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 4 साल की बच्ची के रेप केस एवं हत्या मामले में फांसी की सजा को खारिज कर दिया था। जानकारी के तहत नागपुर के रहने वाले बसंत दुलारे को फांसी की सजा सुनाई गई थी उस पर आरोप था कि 4 साल की बच्ची का रेप करके बड़े ही निर्दयता पूर्वक तरीके से हत्या किया था। इस मामले पर राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने क्षमा याचिका को खारिज कर दिया था। तो वही अब लाल किले पर हमला करने वाले आरिफ की याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज किया है।