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अमेरिका ने साफ किया रुख, हेलीकॉप्टर हादसे की जांच में नहीं करेगा ईरान की मदद, रईसी के हाथ लोगों के खून से सने थे

By Shashikant Mishra

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वाशिंगटन: ईरान की सरकार ने उस हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच के लिए अमेरिका से मदद का आग्रह किया है, जिसमें राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री तथा छह अन्य की मौत हुई है, लेकिन अमेरिका ‘लॉजिस्टिक’ (साजो-सामान) कारणों से सहायता नहीं करेगा। यह जानकारी अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक ने दी है। रईसी और विदेश मंत्री आमिर-अब्दुल्लाहियन और छह अन्य जिस हेलीकॉप्टर में सवार थे, वह कोहरे के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और ये सभी सोमवार को मृत मिले थे। रईसी को 85 वर्षीय ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के उत्तराधिकारी की दौड़ में अग्रणी उम्मीदवारों में से एक माना जाता था।

इस वजह ने नहीं की जा रही मदद

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से सोमवार को जब प्रेस वार्ता में ईरानी सरकार की ओर से मदद का आग्रह किए जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका इस तरह की स्थितियों में विदेशी सरकारों से आग्रह आने पर मदद करता है, लेकिन अमेरिका उसकी किसी भी तरह की मदद कर पाने में सक्षम नहीं है। मिलर ने पत्रकारों से कहा कि काफी हद तक ‘लॉजिस्टिक’ कारणों के चलते ईरान की मदद नहीं की जा रही है।

अमेरिका ने जताया शोक

एक सवाल के जवाब में मैथ्यू मिलर कहा कि अमेरिका ने रईसी के निधन पर आधिकारिक तौर पर शोक जताया है और ईरानी नेता की मृत्यु को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक मौन कार्यक्रम में भी शिरकत की। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका इसे लेकर बहुत स्पष्ट है कि रईसी चार दशक तक ईरानी लोगों का दमन करने में शामिल रहे, लेकिन वह (अमेरिका) हेलीकॉप्टर दुर्घटना जैसे हादसे में किसी की भी मौत पर अफसोस जताता है। मिलर ने कहा कि ईरान में न्यायाधीश और राष्ट्रपति के तौर पर रईसी का रिकॉर्ड नहीं बदला है और “यह तथ्य भी नहीं बदला है कि उनके हाथ खून से सने थे।

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