मैहर। विंध्य के त्रिकूट पर्वत पर स्थित 52 शक्ति पीठों में से एक मैहर की माता शारदा का दर्शन लाभ लेने के लिए यूं तो हजारों की तादात में भक्त प्रतिदिन पहुंचते हैं जबकि नवरात्रि पर्व पर भक्तों की यह संख्या लाखों में पहुंचती है, तो वही भक्त भूखे पेट ना रह,े इसके लिए मैहर के माई की रसोई संचालित हो रही। जिसमे भक्तों को भरपेट व्यंजन वाला थाली में भरकर भोजन सेवादारों द्वारा कराया जा रहा है।
दूसरे धार्मिक स्थल कर रहे हैं अनुसरण
मां शारदा मंदिर के प्रधान पुजारी रहे बंम-बंम महाराज के बड़े पुत्र धीरज पांडे माई की रसोई संस्थान के अध्यक्ष और संचालक हैं। उनका कहना है कि मैहर के माई की रसोई को अच्छी सफलता मिली है और वर्ष 2019 से यह रसोई संचालित है। इस रसोई की सफलता को देखते हुए उत्तर प्रदेश की मां विंध्यवासिनी देवी, बनारस एवं मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी अब श्रद्धालुओं के लिए माई की रसोई शुरू की जाएगी और वहां पहुंचने वाले भक्तों को निशुल्क भरपेट व्यंजनों से भरी थाली प्रसाद के रूप में पऱोसी जाएगी।
माई का भोग निकलते ही शुरू होती है रसोई
बताया जाता है कि माई की रसोई में माता शारदा के लिए सबसे पहले भोग निकाला जाता है और दोपहर 12ः30 बजे से माई की रसोई में भोजन वितरण शुरू होता है जो रात्रि 11ः00 बजे तक जारी रहता है। देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन कराने के लिए यंहा 35 सेवकों का स्टाफ है। यह रसोई भक्तों के सहयोग से ही संचालित होती है।