भोपाल। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक मिशनरी अस्पताल में कथित फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा इलाज किए जाने से सात लोगों की मौत के मामले ने प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरतेगी और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि यदि प्रदेश में कहीं और भी ऐसा मामला हो तो तुरंत सख्त कदम उठाए जाएं।
यह मामला तब सामने आया जब एक स्थानीय निवासी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, अस्पताल में कार्यरत एक व्यक्ति, जो खुद को कार्डियोलॉजिस्ट “डॉ. एन. जॉन कैम” बताता था, वास्तव में नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नामक व्यक्ति है। उसने ब्रिटेन के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर जॉन कैम की पहचान का दुरुपयोग कर मरीजों को धोखा दिया।
आरोप है कि गलत इलाज के चलते सात मरीजों की जान चली गई। इस गंभीर मामले की जांच के लिए मानवाधिकार आयोग की एक टीम 7 से 9 अप्रैल तक दमोह में रहकर जांच करेगी।
सरकार की सक्रियता और आयोग की जांच से यह उम्मीद जगी है कि दोषियों को सजा मिलेगी और भविष्य में इस तरह की लापरवाही पर रोक लगेगी।