भोपाल। मध्य प्रदेश में बुधवार को भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा आयोजित ऑनलाइन नीलामी में गेहूं के दाम ऊंचे स्तर पर पहुंच गए। सागर डिपो का गेहूं 3105 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिका, जबकि न्यूनतम कीमत 3000 रुपये रही। पिछले तीन दिनों में मंडी नीलामी के दौरान गेहूं के दाम में 75 रुपये प्रति क्विंटल तक की वृद्धि दर्ज की गई। इसके पीछे प्रमुख कारण बाजार में गेहूं की कम आपूर्ति और नेपाल को 2 लाख टन गेहूं के निर्यात का निर्णय बताया जा रहा है।
मंडियों में गेहूं की आवक सीमित होकर 1000-1200 बोरियों तक रह गई है। चमकदार लोकवन गेहूं 3270 रुपये प्रति क्विंटल बिका, जबकि पोषक गेहूं 3144 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर रहा। मिल क्वालिटी गेहूं की कीमत 3170 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई। हालांकि, दिल्ली और गुजरात में 50 रुपये प्रति क्विंटल की मामूली गिरावट देखने को मिली, लेकिन इसका समग्र बाजार पर कोई असर नहीं पड़ा।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी गोदामों में कमी और खुले बाजार में किल्लत के बावजूद सरकार खाद्यान्न की महंगाई को नियंत्रित करने में रुचि नहीं दिखा रही। नई फसल आने में अभी दो महीने का समय है, जिससे गेहूं की उपलब्धता और कीमतों पर दबाव बना रह सकता है। इस बीच, महंगा आटा उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ डाल रहा है।