भोपाल। उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में कार्तिक-अगहन मास के अवसर पर भगवान महाकाल की विशेष सवारी निकाली जा रही है। चार नवंबर को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी, जिसमें वे चांदी की पालकी में सवार होकर शिप्रा नदी के रामघाट पर तीर्थ पूजा के लिए जाएंगे। इस मास में भगवान महाकाल की कुल पांच सवारियां निकाली जाएंगी, जिसमें हरि हर मिलन का विशेष आयोजन भी शामिल है।
सवारी का विशेष मार्ग: कार्तिक-अगहन मास में महाकाल की सवारी का मार्ग श्रावण-भादौ मास से भिन्न होगा। रामघाट पर पूजन के बाद सवारी गणगौर दरवाजा से नगर में प्रवेश करेगी और फिर निर्धारित मार्ग से वापस मंदिर पहुंचेगी।
हरि हर मिलन का आयोजन: 14 नवंबर को वैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर आधी रात को गोपाल मंदिर में हरि हर मिलन होगा। इस परंपरा के अनुसार भगवान महाकालेश्वर (हर) भगवान गोपालजी (हरि) से मिलते हैं, और यह मिलन भक्तों के लिए विशेष आस्था का प्रतीक है।
दीपावली और अन्नकूट महोत्सव: महाकाल मंदिर में दीपावली की भव्यता का अनोखा दृश्य देखने को मिला, जहां भगवान महाकाल को केसर, चंदन के उबटन से अभ्यंग स्नान कराया गया और फिर सोने-चांदी के आभूषणों से सजाया गया। इस अवसर पर भगवान को छप्पन प्रकार के पकवानों का अन्नकूट भोग भी अर्पित किया गया।
गोवर्धन पूजा का आयोजन: दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा का आयोजन मंदिर समिति की चिंतामन गोशाला में किया गया, जिसमें गोवंश का पूजन किया गया और गोशाला के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
यह समृद्धि और भक्ति का पर्व उज्जैन के महाकाल मंदिर में श्रद्धा, वैभव और परंपरा का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है, जहां भक्त बड़ी संख्या में शामिल होकर भगवान महाकाल के इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनते हैं।