जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक दुष्कर्म आरोपी को यह कहते हुए रिहा कर दिया कि महिला इसलिए किसी पर दुष्कर्म का आरोप नहीं लगा सकती क्योंकि उसने शादी का झूठा वादा किया था। उन्होंने यह भी कहा कि व्यावहारिक दृष्टि से किसी भी रिश्ते को जानने और शादी का वादा झूठा था या सच्चा इसमें 10 साल का समय नहीं लगता।
आपको बता दें कोर्ट ने यह फैसला एक तीन साल पहले दर्ज कराए गए दुष्कर्म के एक मामले में सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि जब कम उम्र होती है तो दो लोगों को एक दुसरे पर विश्वास हो जाता है कि वो प्यार में हैं, शादी करेंगे और पूरी उम्र एक साथ रहेंगे। हालांकि अगर ऐसा नहीं हो पाता तो कोई महिला यह कहते हुए एफआइआर दर्ज नहीं करा सकती कि दुष्कर्म किया गया है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने इस टिप्पणी के साथ केस निरस्त करने का आदेश पारित कर दिया।
दरअसल मामला कटनी जिले का है जहाँ एक जोड़ा पिछले 10 साल तक रिश्ते में रहा। दोनों में बात बिगड़ी और युवक ने शादी से इंकार दिया। शादी से मना किए जाने पर महिला ने वर्ष 2021 में दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए युवक पर दुष्कर्म के आरोप में केस दर्ज कर दिया। इस केस को युवक हाई कोर्ट ले गया और इस मुकदमे को रद्द करने की मांग की।