एमपी। मध्य प्रदेश में सहकारी समितियां के चुनाव कराए जाने के लिए एमपी हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रक्रिया शुरू कर दी गई। तकरीबन 11 साल बाद मध्य प्रदेश में सहकारी समितियां के चुनाव हो सकेंगे। जानकारी के तहत साल 2013 में सहकारी समितियां के चुनाव हुए थें। जिसका कार्यकाल 2018 तक रहा लेकिन इसके बाद चुनाव न होने के कारण के संचालक मंडल में प्रशासक नियुक्त किए गए थे। हाई कोर्ट के निर्देश पर एक बार फिर एमपी में सहकारी समितियां के चुनाव होने जा रहे है।
कार्यक्रम जारी किए गए हैं
सहाकरी समितियों के चुनाव चार चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण में 24 जून से 13 अगस्त, दूसरे चरण में 29 जुलाई से 16 अगस्त, तीसरे चरण में 13 जुलाई से 2 सितंबर और चौथे चरण का चुनाव 20 जुलाई से 9 सितंबर तक तय किया गया है। सबसे पहले प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों और विभिन्न संस्थाओं में भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों के चुनाव होंगे। इसके आधार पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और अपेक्स बैंक के संचालक मंडल का चुनाव होगा।
ऐसी है चुनाव प्रक्रिया
चुनाव प्रक्रिया के लिए कार्यक्रम जारी किया गया है उसके तहत पहले सदस्यता सूची तैयारी होगी। इसमें वे किसान, जिन्होंने समय पर अपना कर्ज नहीं चुकाया और डिफाल्टर की श्रेणी में हैं, भाग नहीं ले पाएंगे। सदस्य मतदान के माध्यम से संचालक चुनेंगे। इनमें से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का चुनाव होगा। साथ ही जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के लिए प्रतिनिधि भी चुने जाएंगे। इनमें से संचालक मंडल का चुनाव होगा, जिनमें से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनेंगे। इन्हीं में से अपेक्स बैंक के लिए प्रतिनिधि भेजे जाएंगे, जिनसे संचालक मंडल बनेगा।
अपात्र समितियों के नहीं होंगे चुनाव
जो जानकारी आ रही है उसके तहत उन समितियों के चुनाव नहीं हो पाएंगे, जो विभिन्न कारणों से अपात्र हैं। इसमें खाद-बीज की राशि न चुकाने, गेहूं, धान सहित अन्य उपजों के उपार्जन में गड़बड़ी या अन्य कारणों से अपात्र घोषित संस्थाएं शामिल हैं।