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यूजीसी ने मध्य प्रदेश की 16 यूनिवर्सिटी को किया डिफाल्टर घोषित, ये है मामला

By Viresh Singh

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एमपी। मध्य प्रदेश की 7 सरकारी एवं 8 प्राइवेट विश्वविद्यालय को यूजीसी ने डिफाल्टर घोषित कर दिया है। यूजीसी की कार्यवाही से विश्वविद्यालयों में खलबली है। खास बात यह है कि डिफाल्टर की सूची में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम भी शामिल है।

गाइडलाइन का नहीं किया पालन

खबरों के तहत यूजीसी ने जिन 16 विश्वविद्यालयों को डिफाल्टर घोषित किया उन्होंने लोकपाल की नियुक्ति नहीं की है तो वही यूजीसी की गाइडलाइन का अनदेखा करते हुए विश्वविद्यालय में पठन-पाठन का काम करवा रहे हैं। गाइडलाइन का पालन न करने के चलते तथा लोकपाल की नियुक्ति न होने से विश्वविद्यालय के छात्रों को गाइडलाइन के तहत विश्वविद्यालय में सुविधा नहीं मिल पा रही है।
बताया जाता है कि यूजीसी के नियमानुसार यूनिवर्सिटी में लोकपाल की नियुक्ति जरूरी है क्योंकि छात्रों की समस्या का समाधान लोकपाल करते हैं, हालांकि माखनलाल यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि लोकपाल की नियुक्ति की गई है, जल्द ही इसकी जानकारी यूजीसी को दी जाएगी।

डिफॉल्टर यूनिवर्सिटी
– माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी भोपाल
. आरजीपीवी भोपाल
. मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर
. नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय
. राजा मानसिंह तोमर म्यूजिक एवं आर्ट यूनिवर्सिटी
. राजमाता विजय राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय को डिफॉल्टर घोषित किया गया है।
ये प्राइवेट यूनिवर्सिटी भी डिफॉल्टर
. आर्यावर्त यूनिवर्सिटी, सीहोर
. एलएनसीटी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, इंदौर
. मध्यांचल प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भोपाल
. ओरिएंटल यूनिवर्सिटी, इंदौर
.श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय, इंदौर
. स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी, सागर
. ज्ञानोदय यूनिवर्सिटी, नीमच
. जेएनसीटी प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भोपाल
. अमलतास यूनिवर्सिटी, देवास

 

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