रायपुर। दुबई में गिरफ्तार महादेव एप के संचालक सौरभ चंद्राकर को भारत लाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने सौरभ चंद्राकर के प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक दस्तावेज (डोजियर) केंद्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मुख्यालय को सौंप दिए हैं। यह डोजियर 21 अक्टूबर तक दुबई स्थित भारतीय दूतावास को विदेश मंत्रालय के माध्यम से सौंपा जाएगा। इसके बाद, दुबई की अदालत में सुनवाई होगी, जिसके आधार पर सौरभ के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सौरभ चंद्राकर और उनके सहयोगी रवि उप्पल पर महादेव एप सट्टेबाजी घोटाले का आरोप है, जो 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का है। दोनों घटना के सामने आने के बाद से दुबई में हैं। ईडी के सूत्रों के अनुसार, रायपुर की एक अदालत ने सौरभ के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है, और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े गंभीर अपराध दर्ज हैं। प्रत्यर्पण के लिए यूएई की अदालत से सौरभ को भारत लाने का अनुरोध किया गया है।
दुबई की अदालत में सौरभ चंद्राकर को भी अपना पक्ष रखने का अवसर मिलेगा, जिसके बाद अदालत यह निर्णय लेगी कि उन्हें भारत भेजा जाए या नहीं। यह प्रक्रिया भारत और यूएई के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत होगी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के अपराधों में सात साल तक की सजा का प्रावधान है। प्रत्यर्पण के लिए तैयार किए गए दस्तावेजों का अरबी में अनुवाद किया गया है, और उन्हें संबंधित न्यायिक हस्ताक्षरों के साथ प्रस्तुत किया गया है।
हालांकि, सौरभ को भारत लाने में कितना समय लगेगा, यह पूरी तरह से यूएई की अदालत की सुनवाई और फैसले पर निर्भर करेगा।