भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस एक बड़ा फिर सवालों के घेरे में है। यहां मुरैना के सिविल लाइंस में उस समय हड़कंप मच गया जब हत्या के मामले में गिरफ्तार 31 साल के आरोपी का शव रविवार थाने में लटका हुआ मिला। पुलिस को शक है कि यह आत्महत्या का मामला है। जबकि अब इस मामले को लेकर विपक्ष हमलावर है। उनका कहना है कि सरकार दलित समुदाय को अपना निशाना बना रही है। यह उसी का परिणाम है। आनन फानन में तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए हैं।
एसडीएम भूपेंद्र सिंह कुशवाहा के मुताबिक, हत्यारोपी बालकृष्ण जाटव उर्फ सनी का शव सिविल लाइंस थाने के अंदर सुबह करीब 5.30 बजे खिड़की से बंधे कपड़े से लटका हुआ मिला था। दरअसल ग्वालियर निवासी सनी के ऊपर अपने जीजा के हत्या का आरोप था। उसे शनिवार को ही गिरफ्तार किया गया था। वहीं सनी के परिजनों का कहना ही की पुलिस ने सनी को चार दिन पहले हिरासत में लिया था।
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी अरविंद ठाकुर मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि एसपी समीर सौरभ ने हिरासत में मौत के मामले में थाना प्रभारी और इंस्पेक्टर रामबाबू यादव, एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहली नजर में यह आत्महत्या का मामला लगता है। लेकिन हम जांच कर रहे हैं। दोषियों के खिलाफ कर्रवाई की जाएगी।
इस मामले को संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक न्यायिक मजिस्ट्रेट हिरासत में मौत की जांच करेगा।
एएसपी ने बताया कि चिकित्सकों का एक पैनल मृतक का पोस्टमार्टम कर रहा। उसकी रिपोर्ट पर ही आगे की कर्रवाई निर्धारित की जायेगी। उन्होंने आगे बताया कि सनी एक अपराधिक प्रवृति का आदमी था। उसके खिलाफ पहले भी विभिन्न पुलिस स्टेशनों में चार से पांच मामले दर्ज हैं।
वहीं विपक्ष इस मुद्दे को लेकर आक्रोश में है। उनकी मांग है कि मुरैना के पुलिस अधीक्षक को बर्खास्त किया जाए। एमपी कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा, “क्या एमपी में दलित होना अपराध है? कटनी के बाद एक और दलित पुलिस के निशाने पर आ गया है।