रीवा। पुरी की तर्ज पर रीवा में भी प्रतिवर्ष भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली जा रही है। इस वर्ष 7 जुलाई को रीवा के लक्ष्मण बाग से ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा परम्परा के तहत धूम धाम से निकली जाएगी। जिसको लेकर तैयारी भी शुरू हो गई है। रथ यात्रा लक्ष्मण बाग से प्रारंभ होकर किला, उपरहटी, फोर्ट रोड, वेंकट मार्ग से होकर मानस भवन में रात्रि विश्राम करेगी। 8 जुलाई को दुबारा यह रथ यात्रा मानव भवन से प्रारंभ होगी और यात्रा का लक्ष्मण बाग में समापन होगा। जहां गर्भ ग्रह में भगवान जगन्नाथ स्वामी, बलभद्र एवं बहन सुभद्रा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
राज्य वैद्य ने किया इलाज
ऐसी मान्यता है कि जगत के पालनहार को लू लगने के कारण वे 15 दिनों से बीमारी की हालत में रह रहे और इस दौरान गर्भ ग्रह छोड़कर भगवान की बहार देखरेख की जाती है। इस परंपरा के तहत इस वर्ष भी लक्ष्मण बाग स्थित जगन्नाथ स्वामी मंदिर में 15 दिनों से भगवान जगन्नाथ स्वामी बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमा गर्भ ग्रह से बाहर स्थापित की गई थी और ठंडाई दी जा रही थी। वहीं स्वस्थ होने के बाद भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा 7 जुलाई को लक्ष्मण बाग से शुरू होगी।
गत वर्ष रोकनी पड़ी थी रथ यात्रा
दरअसल गत वर्ष रथ यात्रा रोकनी पड़ी थी। उसकी वजह रही की रीवा राजघराने के राजगुरु श्री श्री 1008 हरिवंश आचार्य महाराज ब्रह्मलीन हो गए थें। जिसके चलते रथ यात्रा नहीं निकाली गई। इसके पूर्व रथ यात्रा कोरोना काल में भी स्थगित की गई थी। इस वर्ष ऐसी कोई बाधा रथ यात्रा को लेकर नहीं है, यही वजह है कि रथ यात्रा की तैयारी की जा रही है।
184 सालों से निकाली जा रही रथ यात्रा
जानकारी के तहत लक्ष्मण बाग की यह परंपरा 184 वर्षों से चली आ रही है। तत्कालीन रीवा रियासत के महाराज भाव सिंह ने लक्ष्मण बाग मंदिर का निर्माण कराकर पुरी की तर्ज में रथ यात्रा का शुभारंभ किए थें, तब से हर वर्ष रथ यात्रा आयोजित की जा रही है। बघेलखंड के महाराज रघुराज सिंह के समय रथ को रस्सा के सहारे हाथ से खिंचा जाता था। इस रथ यात्रा को लक्ष्मण बाग संस्थान द्वारा यथावत रखा जा रहा है और उसी के तहत धूमधाम से यह रथ यात्रा शहर में निकलेगी। रथ यात्रा का शहर में जगह-जगह जोरदार तरीके से स्वागत किया जाएगा।