यूपी पीएससी-जे। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आ रहा है। खबरों के तहत यूपी पीएससी-जे मेंस की परीक्षा में 50 कॉपी बदले जाने का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर नीट परीक्षा की तरह ही परीक्षा की पवित्रता पर सवाल उठने लगे है। इस मामले में अब तक तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया तो ही पर्यवेक्षण अधिकारी सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जा रही है।
2022 में हुई थी परीक्षा
जानकारी के तहत यूपी पीएससी-जे मुख्य परीक्षा 2022 में आयोजित हुई थी। जिसमें 50 अभ्यर्थियों की कॉपी बदले जाने का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि काफी बदले जाने को लेकर मुख्य परीक्षा में अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी श्रवण पांडे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसमें उसने कहा था की कॉपी पर उनकी हैंडराइटिंग नहीं है। इस पर हाईकोर्ट ने आयोग से जवाब तलब किया था और इसके बाद जांच का खुलासा हुआ है। जिसमें 25-25 कॉपियों के दो बंडल बदले जाने का मामला सामने आ रहा है।
अंग्रेजी विषय की बदली गई कॉपियां
जो खबरें आ रही है उसके तहत आयोग गलत कोडिंग के कारण बदली गई कॉपियां अंग्रेजी विषय की बता रहा। अंग्रेजी का प्रश्न पत्र 100 अंको का था और इसके बदलने से परीक्षा परिणाम पर असर पड़ेगा, हालांकि अभी इसकी जांच चल रही है। जानकारी के तहत यूपी पीएससी-जे परीक्षा 2022 में 300 पदों पर अभ्यर्थियों को चयनित किया गया था और उन्हें नियुक्ति भी मिल चुकी है। परिणाम प्रभावित होता है तो आयोग को इंटरव्यू अलग से करने पड़ सकते हैं।
इन पर हुई कार्यवाही
यूपी पीएससी-जे परीक्षा में गड़बड़ी पर आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के निर्देश पर अनुभाग अधिकारी शिवशंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया गया। पर्यवेक्षणीय अधिकारी उपसचिव मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई। उन्हें आरोप पत्र जारी किया जाएगा। सेवानिवृत्त हो चुकीं सहायक समीक्षा अधिकारी चंद्रकला को भी दोषी पाया गया है।