बड़वानी। अजब एमपी की गजब पढ़ाई का यह मामला मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के खेतिया के ग्राम मलफा की सरकारी स्कूल से सामने आ रहा है। यहां की सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा में 89 छात्र पढ़ाई कर रहे थे। जिसमें से बोर्ड की परीक्षा में 85 छात्रों ने हिस्सा लिया था और वे बनाए गए परीक्षा केन्द्र टेमला में जाकर परीक्षा में शामिल हुए थें। जब बोर्ड द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित किया गया तो स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के पेरेंट्स हैरान है। जो जानकारी आ रही है उसके तहत 12वीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए 85 छात्रों में से पूरे के पूरे 85 छात्र फेल हो गए। एक भी छात्र पास न होने से स्कूल की पढ़ाई पर अब सवाल उठ रहा है कि आखिरकार स्कूल प्राचार्य सहित स्टाफ ने बच्चों को किस तरह की शिक्षा दी। जिससे एक भी छात्र बोर्ड की इस परीक्षा में सफल नहीं हो पाए।
बेहतर भवन और स्टाफ भी
जो जानकारी आ रही है उसके तहत बड़वानी जिले के पानसेमल विकासखंड में संचालित मलफा सरकारी स्कूल में शासन द्वारा व्यवस्थित बेहतर भवन बनाने के साथ ही बच्चों को पढ़ाने के लिए स्टाफ की भी व्यवस्था बनाए हुए है। अब इसे पढ़ाई में लापरवाही कहीं जाए या फिर कुछ और की 12वीं बोर्ड की परीक्षा में पूरे 85 बच्चे फेल हो गए, अमूमन बच्चे कंम अंक प्राप्त करते हैं सप्लीमेंट्री आते हैं लेकिन यहां पढ़ाई और परीक्षा परिणाम का कैसा खेल की रिजल्ट शून्य प्रतिशत सामने आया है। इससे शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिम है। बहरहाल शिक्षा विभाग के लिए अब यह जांच का विषय है।
पेरेंट्स में आक्रोश
मलफा सरकारी स्कूल में 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जीरों सामने आने पर पेरेंट्स में आक्रोश है और उनका कहना है कि स्कूल स्टाफ के लोग बहाने करके पढ़ाई कराने से बचते रहे। जिसका परिणाम रहा कि 12वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम शूल्य सामने आया है। उनकी मांग है कि स्कूल स्टाफ के खिलाफ कार्यवाही की जाए और सरकार द्वारा टीर्चरों को दिए जा रहे मोटी वेतन पर कटौती की जाए।