---Advertisement---

‘धार्मिक शिक्षा के लिए बाध्यता नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद यूपी मदरसा एक्ट का क्या होगा असर?

By Harshit Shukla

Published on:

---Advertisement---

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम 2004 की संविधानिक वैधता को बरकरार रखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन-न्यायाधीशों की बेंच ने कहा कि यह अधिनियम संविधान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करता है। इससे पहले, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मार्च 2022 में इस अधिनियम को “असंवैधानिक” घोषित किया था, यह कहते हुए कि यह धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन करता है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अधिनियम के तहत 10वीं और 12वीं कक्षाओं के समकक्ष डिग्रियों को मान्यता दी जाएगी, जबकि उच्चतर कामिल और फाजिल डिग्रियाँ बोर्ड के दायरे में नहीं होंगी। इस निर्णय को छात्रों के लिए राहत के रूप में देखा जा रहा है।

इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ भी आई हैं। सपा नेता अमीक जामेई ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह आम मुसलमानों की शिक्षा में रुचि नहीं रखती और गरीब मुस्लिम समुदाय को शिक्षा से वंचित रखना चाहती है।

Follow On WhatsApp
Follow On Telegram
---Advertisement---

Leave a Comment

x