भोपाल के ऐशबाग में बने 90 डिग्री कोण वाले रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) ने देशभर में मध्य प्रदेश को शर्मिंदा किया है। इस विवादित निर्माण पर शनिवार देर रात राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की। लोक निर्माण विभाग (PWD) के सात इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है, जिनमें दो मुख्य अभियंता शामिल हैं। इसके साथ ही सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री एमपी सिंह को भी दोषी माना गया है। इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस कार्रवाई की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की और बताया कि आरओबी में सुधार के लिए एक समिति गठित की गई है। सुधार कार्यों के बाद ही इसका लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही, निर्माण एजेंसी मेसर्स पुनीत चड्ढा और डिजाइन एजेंसी मेसर्स डायनामिक कंसल्टेंट को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि दोषी इंजीनियरों के खिलाफ आरोप पत्र जारी करने और रेलवे से समन्वय के लिए भी समिति बनाई गई है। निर्माण प्रक्रिया के दौरान पीडब्ल्यूडी और रेलवे विभाग 2022 से लेकर निर्माण तक निरीक्षण करते रहे, लेकिन गंभीर खामी किसी की नजर में नहीं आई। जहां गोल पियर बनने थे, वहां दीवारनुमा पियर बना दिए गए।
पहले 45 डिग्री कोण पर ब्रिज की सहमति बनी थी, लेकिन बाद में असहमति के चलते रेलवे ने आपत्ति जताई और निर्माण में देरी हुई। मेट्रो रेल की सहमति से डिजाइन तय हुआ, लेकिन अंततः निर्माण में लापरवाही के कारण यह अजीबो-गरीब ओवरब्रिज बनकर सामने आया। देशभर में हुई आलोचना के बाद सरकार हरकत में आई और यह कार्रवाई की गई।