भोपाल। मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड बनाने की प्रक्रिया बेहद धीमी चल रही है, जिससे बुजुर्गों और श्रमिकों को समय पर स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है। वय वंदना योजना के अंतर्गत प्रदेश में 34.72 लाख बुजुर्गों के कार्ड बनने थे, लेकिन जून के पहले सप्ताह तक सिर्फ 14.25 लाख कार्ड ही बन पाए — जो मात्र 41.05% है।
इसी तरह, भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के तहत 81.94 लाख श्रमिकों को कार्ड मिलने थे, लेकिन केवल 51.38 लाख कार्ड ही बने, यानी 62.71%। विशेषज्ञों का कहना है कि इस धीमी गति के पीछे तकनीकी समस्याएं और लोगों में जागरूकता की कमी है।
जिलेवार आंकड़ों में इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में प्रदर्शन काफी कमजोर रहा। इंदौर में वय वंदना योजना के तहत लक्ष्य का सिर्फ 26%, भोपाल में 30%, जबलपुर में 24% और ग्वालियर में 30% कार्ड ही बन सके। श्रमिक कार्डों की स्थिति भी कुछ ऐसी ही रही — ग्वालियर में 3.75 लाख के मुकाबले सिर्फ 2.15 लाख, जबलपुर में 3.37 लाख के मुकाबले 1.96 लाख कार्ड बने।
हालांकि, कुछ जिलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। बालाघाट में वय वंदना योजना के 87% कार्ड बन चुके हैं, जबकि बैतूल में श्रमिक कार्डों की प्रगति 82% रही।
सरकार ने “आपके द्वार निरामयम 2.0” अभियान को हितग्राही सेवा माह के रूप में शुरू किया है, ताकि पात्र लोगों को योजना का पूरा लाभ मिल सके।