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कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों के आगे नेमप्लेट लगाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

By Harshit Shukla

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नई दिल्ली। कांवड़ यात्रा के रूट पर पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों पर नेम प्लेट लगाये जाने के यूपी सरकार के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने उत्तराखंड और मध्य प्रदेश  को भी नोटिस जारी किया है और 26 जुलाई को जवाब के साथ पेश होने को कहा है। हालांकि जस्टिस ऋषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की बेंच ने नेमप्लेट पर रोक लगाया है लेकिन रेस्तरां, ढाबा के मालिकों को यह जरुर बताना होगा कि वे क्या परोसते हैं।

आपको बता दें कि पिछले हफ्ते मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा रूट पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों की नामप्लेट लगाने के निर्देश दिए थेसाथ ही उत्तराखंड ने हरिद्वार और महाकाल की नगरी उज्जैन में भी मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसा फैसला लिया था। तीनों ही राज्यों में इस आदेश का विरोध हुआ था उसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगाते हुए 26 जुलाई को अगली सुनवाई की तारीख तय की है।

अब इस आदेश के मुताबिक, किसी भी दुकानदार को नेमप्लेट लगाने की कोई आवश्यकता नहीं। लेकिन उन्हें यात्रियों को यह जरुर बताना होगा कि खाना वेज है या नॉनवेज । इस मामले में टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा, सहित कई लोगों ने अर्जियां दाखिल की थीं। याचियों की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी, हुजेफा अहमदी, सीयू सिंह ने दलीलें दीं। 

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कौन कैसा खाना खाता है या खाना चाहता है, यह उसका अधिकार है। जो शाकाहारी खाना खाना चाहते हैं तो उसे मांसाहारी खाना नहीं दिया जा सकता। लेकिन वह शाकाहारी खाना कौन बना रहा है। यह जानना गलत है और उस पर रोक लगाना तो छुआछूत को बढ़ावा देने जैसा है। 

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