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ज्‍येष्‍ठ मास का प्रदोष व्रत शिव पूजा के लिए बेहद खास, शिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक साथ, नोट करें तिथि, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

By Shashikant Mishra

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सनातन धर्म के अनुसार देवों के देव महादेव को त्रयोदशी तिथि समर्पित होती है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में त्रयोदशी तिथि आती है। इस दिन को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस साल के पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह में पहला प्रदोष व्रत 04 जून को किया जाएगा। आप को बता दें कि इस दिन मंगलवार भी है जो की इस दिन को और भी शुभ बनाता है। इसलिए यह दिन भौम प्रदोष व्रत नाम से जाना जाएगा।

भौम प्रदोष व्रत पर इस सरल विधि से करें महादेव की पूजा

पौराणिक हिन्दू मान्यता के अनुसार त्रयोदशी मुहूर्त पर भगवान शिव की आराधना करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से भक्त पर महादेव की कृपा बरसती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जातक अगर अपने सच्चे मन से प्रभु का नाम जपता है तो महादेव खुश होकर उसकी मुरादें पूरी करते है और आप के जीवन के जो विघ्न है वो दूर हो जाते है। आइये जानते है इस प्रदोष व्रत पर देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना कैसे की जाती है।

भौम प्रदोष व्रत 2024 की डेट और शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार ज्येष्ठ माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष में त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 4 जून को रात्री 12 बजकर 18 मिनट पर होगा और इस का अंत अगले दिन यानी 4 जून को ही रात में 10 बजकर 1 मिनट पर होगा। इस दौरान भौम प्रदोष व्रत दिन में रखा जाएगा।

पूजन विधि और उपाय

1. प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और इसके बाद स्नान करें। 2. साफ वस्त्र धारण कर सूर्य देव को जल अर्पित करें। 3. भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति को चौकी पर विराजमान करें। 4. शिवलिंग का शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें। 5. अब प्रभु को कनेर के फूल, बेलपत्र और भांग अर्पित करें और मां पार्वती को श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं। 6. दीपक जलाकर महादेव की आरती करें और शिव चालीसा का पाठ करें। 7. शिव जी के मंत्रों का जाप करना भी कल्याणकारी होता है। 8. अंत में फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। 9. श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र का दान करें।

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