नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव के अंतिम और सातवें चरण के लिए प्रचार जोरों पर है। 1 जून को अंतिम चरण का मतदान होना है। ख़बरों की माने तो पीएम नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यान कर सकते हैं। इस ख़बर के सामने आने के बाद विपक्षी खेमे में हलचल मची हुई है। विपक्ष ने तो इस मामले को लेकर निर्वाचन आयोग तक से शिकायत कर दी है।
इसी मामले में शिकायत करते हुए सीपीआई (एम) तमिलनाडु के सचिव के. बालाकृष्णन ने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र लिखा है और उनसे मांग की है कि पीएम मोदी के ध्यान के कार्यक्रम का प्रसारण न किया जाए। उनका आरोप है कि ध्यान करना उनका निजी मामला लेकिन मीडिया द्वारा उसका प्रचार और प्रसार बीजेपी की चुनावी स्टंट साबित हो सकता है। यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।
वहीं कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने भी पीएम मोदी के मेडिटेशन करने पर आपत्ति जताने के लिए निर्वाचन आयोग से मुलाकात की। कांग्रेस के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी मुलाक़ात की जानकारी देते हुए कहा कि हमने निर्वाचन आयोग में अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है। चुनाव के 48 घंटे के साइलेंट पीरियड में किसी को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
उन्पीहोंने कहा कि पीएम मोदी के ध्यान का किसी भी तरह मीडिया के द्वारा प्रचार आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा। आपको बता दें कि पीएम मोदी 30 मई की शाम से 1 जून 7 बजे तक मौन व्रत पर बैठ सकते हैं।