जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बडगाम में बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। हिंदू-मुस्लिम को लेकर उन्होंने कहा कि क्या ये सारी नफरत भारत को मजबूत करेगी? क्या हिंदू और मुस्लिम किसी भी तरह से अलग हैं? इस नफरत को जन्म देने के लिए राजनेता जिम्मेदार हैं।
हमने गांधी जी के भारत को स्वीकार किया थाः अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब देश आजाद हुआ था तब हमने महात्मा गांधी जी भारत को स्वीकार किया था। मोदी के भारत को नहीं, हम गांधीजी के भारत को वापस लाना चाहते हैं। जहां हम इज्जत से चल सकें। शांति से बात कर सकें। आपस में मिलकर रह सकें। एक-दूसरे की मदद कर सकें। हम नहीं देखें कि सामने वाला किस धर्म या समुदाय का है।
फारूक अब्दुल्ला ने आतंकवाद पर कही ये बात
इससे पहले फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि जहां तक आतंकवाद का सवाल है, भाजपा सरकार दावा करती है कि इसके लिए अनुच्छेद 370 जिम्मेदार था, लेकिन पांच अगस्त, 2019 को इसके निरस्त होने के बाद भी आतंकवाद अभी भी बरकरार है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच शीत युद्ध इसके लिये जिम्मेदार है। जब तक दोनों देश बातचीत की प्रक्रिया शुरू नहीं करेंगे और इस मुद्दे का समाधान नहीं ढूंढेंगे, तब तक यह नहीं रुकेगा।
सभी सीटें जीतने का दावा
अब्दुल्ला ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के बेहतर प्रदर्शन का भरोसा जताते हुए कहा कि वह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी छह लोकसभा सीट जीतेगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगर ‘इंडिया’ गठबंधन जीतता है, तो हम न केवल अपने पड़ोसी देश के साथ बातचीत प्रक्रिया शुरू करेंगे, बल्कि भारत के संविधान को बचाने की भी कोशिश करेंगे। अब्दुल्ला ने दावा किया, कई चीजें बदल जाएंगी। हमारा निर्वाचन आयोग एक बार फिर स्वतंत्र होगा। हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र होगी। वे भाजपा की इच्छा के अनुसार काम नहीं करेंगे।