नई दिल्ली। सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट से शनिवार को बैन हटा दिया है। हालांकि इसके लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) 550 डॉलर यानी करीब 45,800 रुपए प्रति मीट्रिक टन तय कर दिया है। यानी जो प्याज एक्सपोर्ट किया जाएगा, उसकी कीमत मिनिमम 45,800 रुपए प्रति मीट्रिक टन होना जरूरी है। यह आदेश आज से ही लागू हो गया है और अगले आदेश तक मान्य रहेगा। इसके अलावा सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40% निर्यात शुल्क लगाने का भी फैसला लिया है। पिछले साल दिसंबर में जब प्याज की कीमत 70 से 80 रुपए पहुंच गई थी तब सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था।
दूसरे देशों के अनुरोध पर निर्यात की अनुमति थी
पिछले साल दिसंबर में सरकार ने 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर रोक लगाई थी। हालांकि सरकार प्रतिबंध के बीच भी कुछ मित्र देशों को प्याज निर्यात कर रही थी। पिछले महीने सरकार ने छह पड़ोसी देशों- बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को 99,150 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी थी। इन्हें सफेद प्याज भेजी गई थी।
लोकसभा चुनाव को देखते हुए फैसला, विपक्षी नेता बोले- इससे कोई फायदा नहीं
सरकार के इस फैसले को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। आगामी फेज में सबसे ज्यादा प्याज उत्पादन वाले राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में चुनाव होने हैं। महाराष्ट्र के नासिक, कोल्हापुर, अहमदनगर, धुले, पुणे, मराठवाड़ा, शिरूर, शिरडी, छत्रपति संभाजीनगर, बीड और डिंडोरी लोकसभा सीटें शामिल हैं। यहां पर प्याज उत्पादकों का एक बड़ा वर्ग है। प्याज के निर्यात पर बैन से किसान काफी नाराज थे। लंबे समय से केंद्र सरकार से इसे हटाने की मांग कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री डॉ. भारती पवार, सांसद डॉ. सुजय विखे पाटिल और हेमंत गोडसे सहित कई बड़े नेता प्याज उत्पादक बेल्ट से चुनाव मैदान में हैं। निर्यात पर प्रतिबंध ने इन्हें बैकफुट पर भेज दिया था। शेतकारी संगठन के नेता अनिल घनवत ने दावा किया कि प्रतिबंध वापस लेने से प्याज उत्पादकों को शायद ही कोई फायदा होगा।