नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले शीला सरकार में 12 साल तक मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने टिकट न मिलने पर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। बताया जा रहा है कि अरविंदर सिंह लवली आम आदमी पार्टी से गठबंधन के खिलाफ थे। प्रदेश कांग्रेस से मालूम हुआ है कि लवली ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। वह कई दिन से प्रदेश कार्यालय नहीं आ रहे थे। वह उत्तर पश्चिमी दिल्ली से राजकुमार चौहान को टिकट नहीं मिलने से नाराज थे। लवली ने मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखकर इस्तीफा भेजा है। जिसमें उन्होंने अपनी नाराजगी की वजह बताई है। अरविंदर सिंह लवली कहा, ‘दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।’ लवली ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस को सिर्फ तीन ही सीटें ही दी गईं। लवली इस बात को लेकर भी नाराज बताए जा रहे हैं कि इन तीनों सीटों में दो सीटें बाहरी व्यक्तियों को दी गई। हाल ही में राजकुमार चौहान ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। उन्होंने इसके पीछे प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के व्यवहार को कारण बताया है। वे उत्तर पश्चिम दिल्ली क्षेत्र से टिकट मांग रहे थे। उन्होंने टिकट न मिलने पर तीन दिन पहले बैठक में विरोध भी किया था। इस दौरान बाबरिया से नोकझोंक भी हुई थी। इस बारे में उनके खिलाफ पार्टी में एक शिकायत भी की गई है। यह शिकायत कार्रवाई के लिए आलाकमान के पास भेजी गई है, लेकिन उन्होंने शिकायत का निपटारा होने से पहले कांग्रेस छोड़ दी।
लवली के इस्तीफे पर बोले आचार्य प्रमोद कृष्णम
अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को लेकर पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया है, लेकिन कोई कारण होगा। जहां तक मैं उन्हें जानता हूं, कोई कारण होगा। मुझे लगता है लवली एक देशभक्त हैं। उनसे बात करने के बाद ही पता चलेगा। कोई भी देशभक्त कांग्रेस में नहीं रहना चाहता। कांग्रेस सनातन विरोधी के साथ-साथ देश विरोधी भी हो गई है।’