भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। सरकार ने धान उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है। यह कदम भाजपा के चुनावी वादे के तहत उठाया गया है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि यह निर्णय किसान हित में एक बड़ी पहल है।
बैठक में केन-बेतवा, पार्वती, कालीसिंध और चंबल लिंक परियोजनाओं से जुड़ी 19 सिंचाई योजनाओं में से 16 को मंजूरी दी गई। इन परियोजनाओं का उद्देश्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र को 100 प्रतिशत सिंचित बनाना है। साथ ही, उज्जैन में 2028 के सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए क्षिप्रा नदी के दायीं ओर 29 किलोमीटर लंबा घाट बनाने का निर्णय लिया गया। 771 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह घाट शनि मंदिर से नागदा बायपास तक फैला होगा।
मध्य प्रदेश में ऑनलाइन जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र सेवा शुरू करने के लिए नए नियम तैयार किए गए हैं। यह सेवा डिजिटल रजिस्ट्रेशन और इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणपत्र जारी करने की सुविधा प्रदान करेगी। गलत जानकारी देने पर कार्रवाई का प्रावधान भी इसमें शामिल है।
जनजातीय विकास के लिए “धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष योजना” के तहत प्रदेश के 52 जिलों के आदिवासियों को लाभान्वित किया जाएगा। सभी पंचायतों में अटल ग्रामीण सेवा सदन बनाए जाएंगे, जहां ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी और सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने सहकारी आंदोलन के विस्तार पर जोर देते हुए कहा कि पंचायत स्तर पर सहकारिता का दायरा बढ़ाना और समाज को जोड़कर देश को समृद्ध बनाना प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता को समृद्धि के साधन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
बैठक में पॉलिटेक्निक, यूनानी और अन्य शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों की इंटर्नशिप को महंगाई सूचकांक से जोड़ने का भी निर्णय लिया गया। यह फैसले प्रदेश के समग्र विकास की दिशा में अहम कदम हैं।