भोपाल। मध्यप्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत मनरेगा योजना ने अब तक 32 लाख से अधिक लोगों को रोजगार का अवसर दिया है। वर्ष 2025-26 की शुरुआत से अब तक इस योजना में मजदूरों को लगभग 1500 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि यह योजना न केवल गरीब, श्रमिक और किसानों को रोजगार मुहैया करा रही है, बल्कि सिंचाई सुविधा भी बढ़ा रही है।
योजना के अंतर्गत खेत-तालाब, अमृत सरोवर, कुएं, चेक डैम, भूमि समतलीकरण, मेड़बंदी, बागवानी, जल निकायों का निर्माण और जीर्णोद्धार जैसे कार्य किए जा रहे हैं। इस प्रयास से वर्षा जल का संचयन भी सुनिश्चित हो रहा है।
प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे जल गंगा संवर्धन अभियान में अब तक 80,496 खेत-तालाब, 1,01,061 कूप रिचार्ज पिट और 1,283 अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जा चुका है। अभियान विशेष रूप से उस समय संचालित किया जा रहा है जब खेती-किसानी की गतिविधियां कम होती हैं, जिससे मजदूरों को गांव में ही काम मिल सके।
अप्रैल से अब तक 22 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिला है। मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर 100 दिन का रोजगार देने का प्रावधान है, जिससे पलायन में कमी आई है।
सरकार का मानना है कि यह योजना न केवल लोगों को आर्थिक संबल दे रही है, बल्कि खेती-किसानी, घरेलू खर्चों और बच्चों की पढ़ाई जैसी जरूरतों में भी मददगार साबित हो रही है। जल संरक्षण से जुड़ी यह पहल ग्रामीण बुनियादी ढांचे को सशक्त बना रही है और राज्य के समग्र विकास में अहम भूमिका निभा रही है।