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इंदौर में हुई मोहन यादव कैबिनेट की बैठक, विवादों में घिरे मंत्री विजय शाह रहे गायब

By Harshit Shukla

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भोपाल। कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी को लेकर घिरे मंत्री विजय शाह की गैरमौजूदगी में मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। यह बैठक इंदौर स्थित ऐतिहासिक राजवाड़ा में देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में बुलाई गई थी।

बैठक में राज्य के तमाम मंत्री शामिल हुए, लेकिन विजय शाह की अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दे दिया। मंत्री पर विवाद के बावजूद वह अभी तक कैबिनेट का हिस्सा बने हुए हैं, जिस पर अब विपक्ष और सामाजिक संगठनों द्वारा सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

आपको बता दें कि विजय शाह ने भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर एक कार्यक्रम में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस बयान पर सामाजिक स्तर पर भारी विरोध हुआ और मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। हाईकोर्ट ने मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे, जिसे विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का आदेश दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि मध्यप्रदेश से बाहर के अधिकारियों को इस जांच का हिस्सा बनाया जाए, ताकि निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके।

तीन वरिष्ठ अधिकारियों की एसआईटी गठित

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठित की है। इसमें शामिल हैं:

  • प्रमोद वर्मा (पुलिस महानिरीक्षक – IG)
  • कल्याण चक्रवर्ती (उप महानिरीक्षक – DIG)
  • वाहिनी सिंह (पुलिस अधीक्षक – SP)

यह टीम अब मंत्री विजय शाह के बयान से जुड़े पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

सरकार में चुप्पी, मंत्री सवालों से बचे

मंत्री के पद पर बने रहने और निष्पक्ष जांच में संभावित टकराव को लेकर जब पत्रकारों ने अन्य मंत्रियों से सवाल किए तो अधिकांश ने जवाब देने से परहेज़ किया। कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा, “मामला न्यायालय में है, इसलिए टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।”

उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा, “मुख्यमंत्री पहले ही अपना पक्ष रख चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट का जो भी निर्णय होगा, उसका पालन किया जाएगा।”

कृष्णा गौर ने कहा, “इस विषय में बात करने के लिए हमारे प्रवक्ता अधिकृत हैं।”

वहीं, कैलाश विजयवर्गीय ने प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा, “कोर्ट से जुड़े मामलों में हम बयान नहीं देते।”

गोविंद सिंह राजपूत ने कहा, “मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन एसआईटी का गठन हो चुका है और वह अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। उसके बाद पार्टी उचित निर्णय लेगी।”

विधायक उषा ठाकुर की प्रतिक्रिया पर उठे सवाल

कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह के साथ मंच पर मौजूद रहीं विधायक उषा ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि उन्होंने मंत्री का विवादित बयान सुना ही नहीं। हालांकि, वायरल वीडियो में वह मंत्री के बयान पर ताली बजाती हुई दिखाई दे रही हैं, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगे हैं।

विपक्ष हमलावर

सरकार की ओर से अब तक मंत्री विजय शाह के खिलाफ कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं की गई है। वह अब भी मंत्री पद पर बने हुए हैं, जिससे जांच की निष्पक्षता को लेकर संदेह जताया जा रहा है। विपक्ष और सामाजिक संगठनों का कहना है कि जब तक मंत्री पद पर बने रहेंगे, तब तक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच संभव नहीं हो पाएगी।

विपक्ष ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विजय शाह को पद से हटाया जाए और एसआईटी को स्वतंत्र रूप से कार्य करने दिया जाए।

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