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मध्यप्रदेश कैबिनेट के अहम फैसले: पेंशन स्टाफ में कटौती, पचमढ़ी के विकास को मंजूरी, पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों को मिलेगा सम्मान

By Harshit Shukla

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भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य हित से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सबसे पहले, यह तय किया गया कि प्रदेश के सभी जिलों में स्थित पेंशन कार्यालयों में कार्यरत स्टाफ को कम किया जाएगा। इसके स्थान पर एक केंद्रीय प्रकोष्ठ (Central Cell) बनाया जाएगा, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके। दरअसल, पेंशनर्स की संख्या में गिरावट आई है और अधिकतर प्रक्रियाएं अब ऑनलाइन हो चुकी हैं, जिससे अतिरिक्त स्टाफ को अन्य विभागों में उपयोग किया जा सकेगा।

एक और बड़ा फैसला पचमढ़ी से जुड़ा है। पचमढ़ी की वह जमीन, जिस पर पहले वन विभाग का दावा था, अब राजस्व विभाग को सौंपी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इससे पचमढ़ी में पर्यटन और विकास कार्यों को तेजी मिलेगी, जिससे यह शहर पर्यटन के नक्शे पर और भी प्रभावशाली रूप में उभरेगा।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष अब तक 81 लाख टन गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदा जा चुका है। 8 लाख से अधिक किसानों से यह उपार्जन हुआ है और 9 मई तक गेहूं खरीदी का कार्य जारी रहेगा। सरकार अब तक किसानों को ₹16,500 करोड़ का भुगतान कर चुकी है।

इसके अलावा, कैबिनेट ने फैसला लिया कि जैसे ओलंपिक पदक विजेताओं को ₹1 करोड़ की सम्मान राशि दी जाती है, वैसे ही अब पैरा ओलंपिक में पदक जीतने वाले दिव्यांग खिलाड़ियों को भी ₹1 करोड़ दिए जाएंगे। पहले यह राशि ₹50 लाख थी, जिसे अब दोगुना किया गया है।

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