भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 60 नर्सिंग होम और अस्पतालों का पंजीयन रद्द कर दिया है। इन संस्थानों ने नियमानुसार रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण नहीं कराया था और बिना वैध लाइसेंस के संचालित हो रहे थे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि यह कदम मध्य प्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम 1993, नियम 1997 और उसके संशोधन 2008 एवं 2021 के तहत उठाया गया है।भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 60 नर्सिंग होम और अस्पतालों का पंजीयन रद्द कर दिया है। इन संस्थानों ने नियमानुसार रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण नहीं कराया था और बिना वैध लाइसेंस के संचालित हो रहे थे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि यह कदम मध्य प्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम 1993, नियम 1997 और उसके संशोधन 2008 एवं 2021 के तहत उठाया गया है।
डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार, राज्य शासन द्वारा सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को 31 मार्च 2024 को समाप्त हो रहे लाइसेंस को नवीनीकरण कराने के लिए पहले ही सूचित कर दिया गया था। 28 फरवरी 2024 को पोर्टल बंद हो गया था, लेकिन पुनः अवसर देते हुए इसे 31 मार्च 2025 तक के लिए फिर से खोला गया। इसके बावजूद संबंधित संस्थाओं ने समयसीमा में ऑनलाइन आवेदन नहीं किया।
नियमों के अनुसार, हर तीन साल में रजिस्ट्रेशन का रिन्युअल अनिवार्य है और बिना वैध पंजीयन के संचालन गैरकानूनी माना जाता है। इन नियमों की अनदेखी करने पर 60 नर्सिंग होम्स का रजिस्ट्रेशन स्वतः रद्द हो गया और उन्हें पोर्टल से हटा दिया गया।
जिन नर्सिंग होम्स पर कार्रवाई हुई है, उनमें आदर्श अस्पताल, अंबिका मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, अनमोल अस्पताल, बालाजी मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल, भारत अस्पताल, बुंदेलखंड अस्पताल, चंबल अस्पताल, और चिरंजीवी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल शामिल हैं। यह संभवतः पहला अवसर है जब प्रदेश में इतने बड़े स्तर पर निजी स्वास्थ्य संस्थानों पर एक साथ कार्रवाई की गई हो।