भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से बार-बार मुकदमों में देरी से अपील दायर करने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने सरकार की लापरवाही को सार्वजनिक धन की बर्बादी बताते हुए सख्त टिप्पणी की। मामला धार जिले के एक सिविल विवाद से जुड़ा है, जिसमें सरकार ने हाईकोर्ट में 656 दिन की देरी से अपील दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बावजूद सरकार ने 177 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की, जिससे कोर्ट और अधिक नाराज हो गया।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने धार जिले के कलेक्टर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया और जानना चाहा कि उन्होंने इतनी देरी से अपील की सिफारिश क्यों की। कोर्ट ने लॉ सेक्रेटरी से भी जवाब मांगा कि उन्होंने सरकार को समय पर कानूनी सलाह क्यों नहीं दी।
अदालत ने विधि सचिव को निर्देश दिया कि न्यायिक प्रक्रिया में अनुशासन लाने के लिए ठोस योजना तैयार की जाए। अब सरकार के सुधारात्मक उपायों की अगली सुनवाई में गहन जांच होगी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे मामलों में त्वरित फैसले लेने के लिए सरकार को एक प्रभावी प्रणाली विकसित करनी होगी।