भोपाल। मध्यप्रदेश में नवंबर में ही ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। उत्तर से आ रही सर्द हवाओं के कारण तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। शनिवार को प्रदेश का हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं मैदानी इलाकों में मंडला सबसे सर्द रहा, जहां रात का पारा 7.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। राजधानी भोपाल समेत छह जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया।
भोपाल में रात का तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 4.8 डिग्री कम और पिछले दिन की तुलना में 0.6 डिग्री नीचे रहा। मौसम विभाग के मुताबिक, यह तापमान पिछले 10 वर्षों में नवंबर का सबसे कम तापमान है। शीतलहर के चलते शहर में ठिठुरन का अहसास बढ़ गया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि कश्मीर और लद्दाख में बर्फबारी के चलते मध्यप्रदेश में ठंड बढ़ रही है।
प्रदेश में ठंड के तीखे तेवरों की वजह जेट स्ट्रीम और हवाओं की दिशा को बताया जा रहा है। जेट स्ट्रीम की वजह से उत्तरी हवाएं प्रदेश में तेजी से प्रवेश कर रही हैं। इसके अलावा, मध्य पाकिस्तान में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात सक्रिय है और राजस्थान में एक प्रति चक्रवात बना हुआ है। इन मौसमी प्रणालियों के कारण प्रदेश में तापमान गिरावट पर है।
मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया कि प्रति चक्रवात अब कमजोर पड़ने लगा है और बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के कम दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना है। इसके प्रभाव से हवाओं का रुख बदलने लगेगा, जिससे रविवार से रात के तापमान में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है।