– स्कूल-कॉलेज, मेलों और बाजारों में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे, आठवीं पास युवक करेंगे फसलों का सर्वे
– सफल सर्वे करने एक सीजन में मिलेंगे 10 हजार, कैबिनेट में दिया गया प्रजेंटेशन
– सार्वजनिक वितरण प्रणाली के वाहनों में जीपीएस लगाने का निर्ण
भोपाल। मध्यप्रदेश में स्कूली छात्र-छात्राओं को अपराधों से बचाने और बाजारों में होने वाली वारदातों को कम करने और अपराधियों से निपटने के लिए स्कूल-कॉलेज और मेलों-बाजारों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यता में मंत्रालय में हो रही कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। इसके साथ ही सार्वजरिक वितरण प्रणाली के वाहनों को जीपीएस से जोडऩे का निर्णय लिया गया है। कैबिनेट ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के स्मार्ट पीडीएस प्रस्ताव को कैबिनेट से हरीझंडी मिल गई है। इस प्रस्ताव के तहत अब पीडीएस वाहनों पर जीपीएस लगाए जाएंगे। वहीं कक्षा आठवीं पास युवकों को फसलों के सर्वे का कार्य देने का प्रजेंटेशन कैबिनेट की बैठक में प्रस्तुत किया गया है। इस पर मुख्यमंत्री और अधिकारियों को राजस्व विभाग के अधिकारी जानकारी दे रहे हैं। इसी कैबिनेट में या अगली कैबिनेट में इस प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिलने की संभावना जताई जा रही है। इस प्रस्ताव केा हरी झंडी मिलने से आठवीं पास युवाओं को पटवारियों की तरह गिरदावरी करने यानी फसलों का सर्वे कर पूरे डाटा को ऑनलाइन फीड करने का कार्य मिल जाएगा।
युवाओं को हर सीजन में मिलेंगे दस हजार
प्रदेश सरकार अब ग्रामीण इलाकों के आठवीं पास युवाओं को डिजिटल क्रॉप सर्वे (गिरदावरी) का काम अगर सौंपती है तो उन्हें एक सीजन में 10 हजार रुपए तक दिए जाएंगे। इस काम के लिए एक हजार खसरों का फोटो खींचकर सारा डेटा मोबाइल ऐप पर अपलोड करना होगा। एक साल में 3 बार सर्वे कराकर फसल उत्पादन का आंकलन किया जाएगा। राजस्व विभाग कैबिनेट बैठक में डिजिटल क्रॉप सर्वे का प्रजेंटेशन दिया है। अगर कैबिनेट ने इसे मंजूरी प्रदान करती है तो सबसे पहले खरीफ फसल का फोटो खींचकर एरिया दर्ज किया जाएगा। जियो टैगिंग होने से ऐप में लोकेशन, किसान का नाम और खसरा अपने आप आएगा।
पहले की रिपोर्ट में मिलती रही हैं गड़बडिय़ां
गिरदावरी से खेतों में बोई जाने वाली फसल और संभावित उत्पादन की डिटेल्स जुटाई जाती हैं। समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली फसल के उत्पादन में सही आंकड़ों का अनुमान लगाया जाता है। अब तक गिरदावरी का काम पटवारी करते थे, लेकिन उनकी रिपोर्ट में अक्सर गड़बड़ी सामने आती थी। कई बार फर्जी रिपोर्ट की शिकायतें भी मिलीं। इससे पहले सरकार किसानों से भी गिरदावरी करवा चुकी है, लेकिन सही नतीजे नहीं मिले। ऐसे में अब युवाओं को इसका जिम्मा सौंपा जा रहा है।
क्या है स्मार्ट पीडीएस
कैबिनेट में स्मार्ट पीडीएस को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। स्मार्ट पीडीएस वाहनों में जीपीएस लगाने और प्रदेश मुख्यालय तथा जिला मुख्यालयों पर कंट्रोल कमांड सेंटर बनाए जाने हैं। जिससे खाद्यान्न उचित मूल्य की दुकानों तक सही तरीके से पहुंच सके। कंट्रोल कमांड सेंटर के माध्यम से यह देखा जाएगा कि वाहन खाद्यान्न लेकर उसी रूट से दुकानों तक पहुंच रहे हैं, जो रूट तय हैं अथवा अन्य रूटों से जा रहे हैं। ये वाहन रास्ते में कहीं ज्यादा समय तक तो नहीं रुके हैं। इसकी निगरानी में आसानी हो सकेगी।
नकदी पहुंचाने वाले वाहनों के मानदंड भी तय
कैबिनेट की बैठक में दस लाख से अधिक रुपए बैंकों तथा एटीएम तक पहुंचाने वाले वाहनों के लिए भी नियम तथा मापदंड तय किए जा रहे हैं। इसके लिए केन्द्र सरकार ने एक गाइड लाइन जारी की है, जिसे मध्य प्रदेश सरकार को राज्य में लागू किए जाने पर सहमति प्रदान की जा रही है।