एमपी। मध्य प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रदेश भर में गुरुवार से राजस्व महा अभियान 2.0 शुरू हो रहा है। 31 अगस्त तक चलने वाले इस अभियान में प्रदेश में करोड़ राजस्व के मामलों को निपटने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव एवं एमपी के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के निर्देश पर प्रदेश भर के राजस्व अधिकारी 31 अगस्त तक अबिवादित नामांकन, बटवारा और सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण इस विशेष अभियान के दौरान करेंगे।
जानकारी के तहत अबिवादित नामांकन प्रकरणों का निराकरण राजस्व अधिकारी 30 दिन में करेंगे जबकि विवादित नामांकन प्रकरणों के लिए 150 दिन का समय रखा गया है, तो वही बटवारा प्रकरण 90 दिन में निराकृत किए जाएंगे और सीमांकन प्रकरणों का निराकरण करने के लिए 45 दिन का समय तय किया गया है। इसके साथ ही नक्शा में तर्मिन का कार्य लगातार जारी रहेगा।
कमिश्नर-कलेक्टर करेगें निगरानी
राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए चलाए जा रहे इस महा अभियान के दौरान संभागीय कमिश्नर, कलेक्टर, अपर कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार इस अभियान की बराबर निगरानी करेंगे और वे मैदानी स्तर पर भी इसे देखेंगे। राज्य सरकार इस महा अभियान को सफल बनाने के लिए राजस्व अधिकारियों को पुरस्कृत करने की घोषणा भी की है और अच्छा कार्य करने वाले राजस्व अधिकारी सरकार की ओर से सम्मानित किए जाएंगे।
1 करोड़ 95 लाख प्रक्ररणों का लक्ष्य
राजस्व महाभियान को सफल बनाने एवं ज्यादा-से-ज्यादा लंबित नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती और सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण का लक्ष्य रखा गया है। इनमें नामांतरण के 75 हजार 964, बंटवारा के 9 हजार 897, अभिलेख दुरुस्ती के 9 हजार 889 और सीमांकन के 25 हजार 423 प्रकरण शामिल हैं। इसके साथ ही 30 जून 2024 की स्थिति में एक करोड़ 95 लाख 45 हजार नक्शे पर तरमीम के लंबित मामलों को भी दर्ज किया जाएगा।