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क्रिप्टोग्राफी तकनीक : अब 30 सेकंड में पता चलेगा दूध ‘असली’ है या ‘मिलावटी’, जानिए कैसे

By Shashikant Mishra

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भोपाल। भोपाल सहकारी दुग्ध संघ द्वारा सांची दूध और अन्य प्रोडक्ट की शुद्धता मेंटेन रखने के लिए अब नई तकनीकी का प्रयोग शुरू किया है। ग्राहक जैसे ही मोबाइल से क्रिप्टोग्राफी ऐप को स्कैन करेंगे सांची के दूध या अन्य प्रोडक्ट की शुद्धता पता चल जाएगा।

यह तकनीक डेयरी प्रोडक्ट में पहली बार हो रही उपयोग

एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड भोपाल सहकारी दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपीएस तिवारी ने बताया कि सांची डेयरी दूध और दुग्ध उत्पादों में काउन्टर फीट आथेंटिकेशन क्रिप्टोग्राफी सिग्नेचर तकनीक से सांची दूध और दुग्ध उत्पाद युक्त हैं। यह तकनीक डेयरी प्रोडक्ट में विश्व की सांची डेयरी उद्योग में पहली पहल मानी जा रही है। सांची ब्रांड का दूध और दुग्ध उत्पादों का प्रमाणीकरण उपभोक्ता स्वयं अपने मोबाइल से स्कैन करते हुए कर सकेंगे। इससे नकली दूध और दुग्ध उत्पादों की संभावना नहीं होगी। और उपभोक्ताओं को असली सांची दूध और दुग्ध उत्पादों को क्यूआर कोड स्कैन करते हुए या वेब लिंक के माध्यम से वास्तविक ज्ञात कर विश्वास के साथ क्रय करने में आसानी हो सकेगी।

नकली उत्पादों से ग्राहकों को मिलेगी राहत

भोपाल सहकारी दुग्ध संघ द्वारा सांची दूध और दुग्ध उत्पादों के वास्तविक होने का परीक्षण करने के लिए क्रिप्टोग्राफी सिग्नेचर तकनीक का उपयोग करने से नकली उत्पादों की किसी भी प्रकार की संभावना पर जहां एक ओर रोक लगेगी वहीं दूसरी तरफ असली उत्पाद परख कर उपभोक्ताओं को खरीदने में आसानी होगी। हालांकि भोपाल सहकारी दुग्ध संघ द्वारा डेयरी दूध और दुग्ध उत्पादों पर क्रिप्टोग्राफी तकनीक का विगत आठ-नौ माह पूर्व ही प्रारंभ किया गया है। इधर उपभोक्ताओं ने सांची को धन्यवाद देते हुए कहा कि भोपाल सहकारी दुग्ध संघ द्वारा डेयरी प्रोडक्ट में क्रिप्टोग्राफी तकनीक का सबसे पहली बार उपयोग करने से सांची ब्रांड के प्रति विश्वास और अधिक सुद्दढ़ हुआ है। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले वर्ष जून माह में ही भोपाल दुग्ध संघ को सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता ब्रांड से सम्मनित किया गया था।

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