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गिद्धों की गणना हुई पूरी: पन्ना टाइगर रिजर्व गिद्धों की संख्या में एक बार फिर नंबर वन, 343 गिद्ध मिले

By Shashikant Mishra

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उमरिया । उमरिया जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ में गिद्धों की तादाद में खासी वृद्धि हुई है। विगत तीन दिनों तक चली गणना के बाद जो आंकड़े सामने आये हैं, वे बेहद संतोषजनक हैं। जानकारी के अनुसार, इस बार पार्क क्षेत्र में कुल 343 ईगल मौजूद होने के प्रमाण मिले हैं। इनमें 300 वयस्क तथा 43 बच्चे शामिल हैं। इससे पूर्व गत 16, 17 एवं 18 फरवरी 2024 को कराई गई गणना के दौरान गिद्धों की संख्या 256 थी, जिनमें 242 बडे और 14 बच्चे थे।
यह कहा जा सकता है कि उद्यान में फरवरी के मुकाबले अप्रैल में इन पक्षियों की संख्या में 87 का इजाफा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, प्रबंधन द्वारा सर्दी और गर्मी मे गिद्धों के स्वभाव, संख्या तथा स्थिति का आंकलन करने फरवरी के बाद अप्रैल मे गणना कराने का निर्णय लिया था। इस कार्य के लिये बीटवार कर्मचारियों के दल बनाये गये थे। गणना में ख्याति प्राप्त बर्ड स्पेस्लिस्ट तथा एनजीओ टीम की विशेष भूमिका थी। बताया गया है कि गिद्धों की गिनती में आधुनिक कैमरों और दूरबीन की मदद ली गई।
गिद्धों की गणना में कई नई चीजें निकल कर सामने आई हैं, जिनमें मुख्य रूप से पक्षीराज परिवार का उद्यान के नये इलाकों मे विस्तार होना है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, अभी तक यह जीव मूल रूप से ताला, मगधी, पनपथा कोर, पतौर आदि परिक्षेत्रों तक ही सीमित थे। परंतु अब वे धमोखर और पनपथा बफर मे भी देखे जा हैं। सर्दियों के समय हुई गणना के दौरान पूरे पार्क में 256 गिद्ध पाये गये थे, लेकिन ठीक दो महीने बाद गर्मियों में इनकी तादाद बढ़कर 343 हो जाने से प्रबंधन प्रसन्न दिखाई पड़ रहा है। जानकारों का मानना है कि अन्य पक्षियों की तरह ही गिद्ध भी लुप्तप्राय जीवों की श्रेणी में रखे गये हैं। ऐसे मे राष्ट्रीय उद्यान में इनकी बढ़ोतरी का श्रेय यहां के वातावरण तथा वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को जाता है।
जानकारी हैं कि गिद्धों के संबंध हासिल करने के लिये जगल में स्थित पेड़, चट्टान, झिरियों तथा अन्य स्थानों में बने उनके घोंसलों को चिन्हित किया गया। साथ ही इन स्थानों पर बैठे गिद्धों की अलग-अलग गिनती कर उनकी विशिष्ट पहचान के साथ संख्या निर्धारित प्रपत्र में दर्ज की गई। गणना में पार्क क्षेत्र अंतर्गत पक्षियों की विभिन्न दुर्लभ प्रजातियां मिली हैं। इनमें देशी गिद्ध, राज गिद्ध, हिमालयन गिद्ध, यूरेशियन गिद्ध, सिनेरियस गिद्ध, समर गिद्ध, सफेद पांव वाला गिद्ध, लाल मुकुट गिद्ध, काला गिद्ध, पीली चोंच वाला गिद्ध, इजिप्शियन गिद्ध, इण्डियन लांग विल्ड गिद्ध आदि शामिल हैं।
उप संचालक बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान पीके वर्मा ने बताया कि गणना का मकसद मौसम में परिवर्तन के बाद पक्षियों के रहन सहन और उनके स्वभाव में आने वाले अंतर का अध्ययन करना है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं। उनमें से यह कि सर्दी की बजाय गर्म मौसम में ये जीव स्वयं को ज्यादा सहज महसूस करते हैं। गणना मे मिली महत्वपूर्ण जानकारियों और आंकड़ों की समीक्षा की जायेगी।

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