रायपु। भारत निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ के नौ पंजीकृत, लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने का निर्णय लिया है। आयोग के अनुसार, इन दलों ने बीते छह वर्षों में किसी भी प्रकार का चुनाव नहीं लड़ा और न ही कोई राजनीतिक गतिविधि की। इसके अलावा, कई दलों के पते भी आयोग के रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहे थे। नियमों के तहत, ऐसे दल जो लंबे समय तक चुनावी प्रक्रिया में भाग नहीं लेते और सक्रिय राजनीतिक गतिविधियां नहीं करते, उनका पंजीकरण समाप्त किया जा सकता है।
निर्वाचन आयोग ने इस कार्रवाई से पहले संबंधित दलों को नोटिस जारी कर तीस दिनों के भीतर जवाब देने का अवसर दिया था। हालांकि, संतोषजनक उत्तर न मिलने और गतिविधियों के प्रमाण न प्रस्तुत करने पर इनका नाम पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से हटा दिया गया।
छत्तीसगढ़ के जिन दलों का पंजीकरण रद्द हुआ है, उनमें छत्तीसगढ़ एकता पार्टी, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ समाजवादी पार्टी, छत्तीसगढ़ संयुक्त जातीय पार्टी, छत्तीसगढ़ विकास पार्टी, पृथक बस्तर राज्य पार्टी, राष्ट्रीय आदिवासीय बहुजन पार्टी, राष्ट्रीय मानव एकता कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय समाजवादी स्वाभिमान मंच शामिल हैं।
इस कार्रवाई के बाद, ये दल अब चुनाव चिह्न आवंटन, चुनावी मान्यता से जुड़े लाभ, और चंदे पर मिलने वाली कर छूट जैसी सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकेंगे। निर्वाचन आयोग का कहना है कि यह कदम चुनावी व्यवस्था को पारदर्शी और सक्रिय बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि केवल सक्रिय और जवाबदेह राजनीतिक दल ही पंजीकृत सूची में बने रहें।