---Advertisement---

छत्तीसगढ़ हाई-कोर्ट का मातृत्व अवकाश पर अहम फैसला: संविदा कर्मियों को भी मिलेगा अधिकार

By Harshit Shukla

Published on:

Click Now

छत्तीसगढ़ हाई-कोर्टने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि संविदा पर कार्यरत महिलाओं को मातृत्व अवकाश और उसका वेतन देने से इन्कार नहीं किया जा सकता। यह अधिकार मातृत्व की गरिमा और बच्चे के समुचित विकास से जुड़ा है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत संरक्षित है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह अधिकार किसी प्रशासनिक अधिकारी की इच्छा पर निर्भर नहीं होना चाहिए।

यह मामला छत्तीसगढ़ की स्टाफ नर्स राखी वर्मा से जुड़ा है, जो जिला अस्पताल कबीरधाम में संविदा पर कार्यरत हैं। उन्होंने 16 जनवरी 2024 से 16 जुलाई 2024 तक मातृत्व अवकाश का आवेदन किया था और 21 जनवरी को एक कन्या को जन्म देने के बाद 14 जुलाई को पुनः ड्यूटी ज्वाइन की। इसके बावजूद उन्हें अवकाश का वेतन नहीं दिया गया। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि अवकाश वेतन के संबंध में तीन माह के भीतर निर्णय लें।

साथ ही, ग्वालियर कोर्ट ने सरकारी जमीनों के मामलों में प्रशासन की ढिलाई पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि माफी की जमीनों और सरकारी भूखंडों की फाइलें गायब होना सामान्य हो गया है, जिससे शासन की कमजोर कार्यप्रणाली उजागर होती है। रामजानकी मंदिर की जमीन के मामले में भी फाइल अब तक शासकीय अधिवक्ता तक नहीं पहुंची है।

Follow On WhatsApp
Follow On Telegram
---Advertisement---

Leave a Comment