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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा और अनुशासन पर कड़ा रुख

By Harshit Shukla

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने हाल ही में दो महत्वपूर्ण मामलों में निर्णय सुनाए हैं, जो सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों और अनुशासन को लेकर अहम माने जा रहे हैं।

रायगढ़ वन मंडल में कार्यरत वनपाल दिनेश सिंह राजपूत की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने उनके निलंबन अवधि को ड्यूटी का हिस्सा माना है। दिनेश सिंह को 2 जुलाई 2019 को तथ्यों को छिपाने के आरोप में निलंबित किया गया था, लेकिन 8 मई 2020 को निलंबन निरस्त कर दिया गया। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के समानता सिद्धांत का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि अन्य कर्मचारियों की तरह दिनेश सिंह की निलंबन अवधि को भी ड्यूटी का हिस्सा माना जाए।

दूसरे मामले में, हाई कोर्ट ने दुर्ग के पोस्ट मैट्रिक आदिवासी छात्रावास में कार्यरत चौकीदार दीपक जोशी की बर्खास्तगी को सही ठहराया। अनुशासनहीनता और छात्रों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों के चलते 2017 में उन्हें सेवा से हटा दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि सरकारी सेवा में अनुशासन और कर्तव्य पालन अनिवार्य है।

इन फैसलों से स्पष्ट हो गया है कि सरकारी कर्मचारियों को समान अधिकार मिलना चाहिए और अनुशासनहीनता पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। कोर्ट के इन निर्देशों से सरकारी तंत्र में अनुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।

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